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Good News: SBI ने खत्‍म किया मिनिमम बैलेंस का झंझट, 44.51 करोड़ ग्राहकों को बड़ा फायदा

मिनमम बैंलेस खत्म करने का मतलब यह हुआ कि अब स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया में सेविंग अकाउंट रखने वालों को मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं देना पड़ेगा. इससे 44.51 करोड़ खाताधारकों को सीधा फायदा पहुंचेगा.

Updated on: 11 Mar 2020, 07:52 PM

highlights

  • एसबीआई ने मिनिमम बैलेंस के नियम को खत्म किया.
  • साथ ही बैंक की ओर से भेजे जाने वाला SMS भी मुफ्त.
  • इससे 44.51 करोड़ खाताधारकों को सीधा फायदा पहुंचेगा.

नई दिल्ली:

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए कई राहत भरी घोषणाएं की हैं. सबसे पहले तो एसबीआई ने अपने ग्राहकों को राहत देते हुए खातों में मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) रखने का नियम खत्म कर दिया है. इसके साथ ही बैंक ने घोषणा की है कि अब बैंक की ओर से ग्राहकों के भेजे जाने वाले एसएमएस (SMS) पर भी कोई चार्ज भी नहीं लगेगा. मिनमम बैंलेस खत्म करने का मतलब यह हुआ कि अब स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया में सेविंग अकाउंट रखने वालों को मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं देना पड़ेगा. इससे 44.51 करोड़ खाताधारकों को सीधा फायदा पहुंचेगा.

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ग्राहक अपने हिसाब से रख सकेंगे रकम
दूसरे शब्दों में कहें तो अब एसबीआई के ग्राहक अपने खाते में अपने हिसाब से बैलेंस रख सकेंगे. बैंक की ओर से इस पर किसी भी तरह का चार्ज नहीं लिया जाएगा. इसके अलावा बैंक ने एसएमएस चार्ज को भी माफ कर दिया है. गौरतलब है कि बैंक के खाताधारक पिछले काफी समय से बैंक प्रबंधन की मिनिमम बैलेंस चार्ज वसूली पर आलोचना कर रहे थे. बहरहाल, बैंक के इस फैसले से करीब 44 करोड़ से अधिक खाताधारकों को फायदा मिलने की उम्‍मीद है.

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अभी तक यह था चार्ज
वर्तमान में एसबीआई के अलग-अलग कैटेगरी के सेविंग अकाउंट होल्‍डर्स को मिनिमम बैलेंस के तौर पर 1000 रुपये से 3000 रुपये तक रखने पड़ते थे. महानगरों में रहने वाले एसबीआई के सेविंग अकाउंट होल्‍डर्स को मिनिमम बैलेंस के तौर पर 3000 रुपये, मध्यम शहरों में सेविंग अकाउंट होल्‍डर्स को 2000 रुपये और ग्रामीण इलाके के सेविंग अकाउंट होल्‍डर्स को 1000 रुपये रखना होता है. ऐसा नहीं होने पर बैंक की ओर से 5 रुपये से 15 रुपये जुर्माना वसूला जाता था.

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एफडी और एमसीएलआर में कटौती
इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अलग-अलग मैच्‍योरिटी अवधि की फिक्‍सड डिपॉजिट और मार्जिनल कॉस्‍ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में कटौती की घोषणा की. बैंक ने एक महीने में दूसरी बार फिक्‍सड डिपॉजिट ब्याज में कटौती की है. इससे बचत खाताधारकों को नुकसान होगा जबकि एमसीएलआर कटौती से नए लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिलेगी.