Flashback 2019: इस साल बैंकों के बदल गए ये नियम, जानें आप पर क्या पड़ा असर
आइये हम आपको बताते हैं कि साल 2019 में आपके वित्तीय अनुभव में क्या-क्या बदलाव हुआ और इसका क्या असर रहा.
नई दिल्ली:
साल 2019 में बैंकों को लेकर कई बदलाव किए हैं. अंतिम दिनों में हर कोई इस बात को याद कर रहा कि इस साल उन्होंने क्या अच्छा किया और आगे आने वाले साल के लिए क्या उन्हें कुछ नया करना है. हम आपको बीते एक साल में आपके बैंकिंग सिस्टम और उनसे जुड़े बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं. 2019 में केंद्र सरकार, आरबीआई से लेकर वित्तीय कंपनियों और बैंकों ने अपने कई नियमों में बदलाव किए हैं. आइये हम आपको बताते हैं कि साल 2019 में आपके वित्तीय अनुभव में क्या-क्या बदलाव हुआ और इसका क्या असर रहा.
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इन सरकारी बैंकों का विलय
केंद्र सरकार और आरबीआई की नजर देश के बैंकिंग सेक्टर को दुरुस्त करने पर है. इसको ध्यान में देखते हुए मोदी सरकार ने 10 सरकारी बैंकों को विलय कर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने का ऐलान किया है. इसके बाद देशभर में केवल 12 सरकारी बैंक ही रह पाएंगे. सरकार के फैसले के मुताबिक, पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटन बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया जाएगा. इसी प्रकार केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में कॉरपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक का विलय किया जाएगा. इंडियन बैंक का विलय इलाहाबाद बैंक में किया जाएगा. बता दें कि इसी साल अप्रैल में विजया बैंक और देना बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में किया गया है.
नकदी निकासी का ये है नया नियम
साल 2019 में नकदी निकासी को लेकर भी एक नया नियम आया है. इसके बारे में सभी को जानना जरूरी है. अगर आप किसी भी बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस (Post office) से कुल एक करोड़ रुपये से अधिक की निकासी करते हैं तो इस पर आपको दो प्रतिशत टीडीएस देना होगा.
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बैंक ग्राहकों की शिकायतों के लिए की गई ये व्यवस्था
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) बीते कुछ साल से लगातार सूर्खियों में बनी रहीं. भारतीय रिजर्व बैंक ने जून 2019 में NBFC के खिलाफ लोगों की शिकायतें ऑनलाइन सुनने के लिए शिकायत प्रबंधन प्रणाली यानी कंप्लेन्ट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) शुरू की थी. आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूदा इस सिस्टम के माध्यम से आप पब्लिक इंटरफेस वाली किसी भी रेग्युलेट ईकाई के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इनमें कॉमर्शियल बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक से लेकर एनबीएफसी तक शामिल हैं. उपयुक्त लोकपाल ऑफिस/रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय ऑफिस को शिकायत को भेज दिया जाएगा. आरबीआई के सीएमएस को डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों पर एक्सेस किया जा सकता है.
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