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सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर वित्त सचिव ने दिया बड़ा बयान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडिया पॉलिसी फोरम 2021 (India Policy Forum 2021) में टीवी सोमनाथन ने कहा कि सरकार की घोषित पॉलिसी के तहत भविष्य में बैंकिंग सेक्टर में बहुत कम सरकारी बैंक रहेंगे.

Updated on: 16 Jul 2021, 08:19 AM

highlights

  • सरकार की घोषित पॉलिसी के तहत भविष्य में बैंकिंग सेक्टर में बहुत कम सरकारी बैंक रहेंगे: टीवी सोमनाथन  
  • देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अपना IPO लाने की तैयारी में है

नई दिल्ली :

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार भविष्य में ज्यादातर सरकारी बैंकों का निजीकरण कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त सचिव (Finance Secretary) टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने सरकारी बैंकों (PSB) के निजीकरण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार भविष्य में ज्यादातर सरकारी बैंकों का निजीकरण कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडिया पॉलिसी फोरम 2021 (India Policy Forum 2021) में टीवी सोमनाथन ने कहा कि सरकार की घोषित पॉलिसी के तहत भविष्य में बैंकिंग सेक्टर में बहुत कम सरकारी बैंक रहेंगे.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनका कहना है कि हालांकि ये उनके निजी विचार हैं. बता दें कि आर्थिक शोध संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लॉयड इकोनॉमिक रिसर्च (National Council Of Applied Economic Research-NCAER) की ओर से इंडिया पॉलिसी फोरम का आयोजन किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीवी सोमनाथन ने यह बयान ऐसे समय में दिया है कि जब देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अपना IPO लाने की तैयारी में है.

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 भविष्य में ज्यादातर सरकारी बैंकों का निजीकरण कर दिया जाएगा: टीवी सोमनाथन 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीवी सोमनाथन का कहना है कि भविष्य में ज्यादातर सरकारी बैंकों का निजीकरण कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि बैंकों का निजीकरण करना और वास्तव में प्राइवेटाइजेशन करना दो अलग-अलग चीजें हैं. उन्होंने कहा कि जरूरी वस्तुओं के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए जरूरी सुधारों के अलावा सरकारी सब्सिडी में काफी बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कृषि सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी, उर्वरक सब्सिडी में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य (Health), शिक्षा (Education) और इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) पर सार्वजनिक खर्च की क्षमता में सुधार किए जाने की जरूरत है.

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