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पीएमसी बैंक घोटाला मामले के बीच ऋण गारंटी निगम को मिले 14,100 करोड़ रुपये के दावे

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) में हुए घोटाले तथा अन्य कई सहकारी बैंकों में डिफाल्ट के बढ़ते मामलों के बीच निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम को 14,100 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं. रिजर्व बैंक ने इसकी जानकारी दी है.

Updated on: 30 Dec 2019, 04:00 AM

मुंबई:

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) में हुए घोटाले तथा अन्य कई सहकारी बैंकों में डिफाल्ट के बढ़ते मामलों के बीच निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम को 14,100 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं. रिजर्व बैंक ने इसकी जानकारी दी है. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. इसके साथ ही केन्द्रीय बैंक ने कहा कि इन सभी दावों पर एक साथ कार्रवाई की जरूरत नहीं होगी इनमें से कुछ की स्थिति में सुधार भी हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, कमजोर बैंक जिनके लिये निर्देश दिये गये हैं अथवा जिन्हें बंद करने के आदेश हैं अथवा परिसमापन से गुजर रहे बैंकों सभी की यदि बात की जाती है तो सितंबर अंत तक निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) पर 14,098 करोड़ रुपये के दावे का बोझ होगा. रिजर्व बैंक ने रिपोर्ट में कहा, ‘यह जानने की जरूरत है कि निर्देश प्राप्त बैंक एक अवधि में परिसमापन के लिये जायेंगे और ये सभी एक साथ नहीं जायेंगे. कमजोर आर्थिक स्थिति वाले बैंकों में सुधार भी हो सकता है.’

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इस साल जनवरी से अब तक करीब 30 सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की निगरानी में लाया जा चुका है. डीआईसीजीसी को मिले दावों के अनुसार, इनमें से 3,414 करोड़ रुपये राज्य सहकारी बैंकों तथा जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के हैं. इसके अलावा 10,684 करोड़ रुपये के दावे पीएमसी समेत शहरी सहकारी बैंकों के हैं. भाषा सुमन महाबीर महाबीर