Coronavirus (Covid-19): MSME, रिटेल, कृषि और कॉर्पोरेट सेक्टर को उबारने के लिए सरकारी बैंकों ने बांटे लाखों करोड़ रुपये के कर्ज
Coronavirus (Covid-19): सरकार कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कई बड़े कदम उठा रही है और आगे भी कई कदम उठाने पर विचार कर रही है.
नई दिल्ली:
Coronavirus (Covid-19): केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) की वजह से अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कई बड़े कदम उठा रही है और आगे भी कई कदम उठाने पर विचार कर रही है. इसी कड़ी में पब्लिक सेक्टर बैंक (Public Sector Bank-PSB) ने 1 मार्च से 8 मई 2020 के बीच MSME, रिटेल, कृषि और कॉर्पोरेट सेक्टर के 46.74 लाख से अधिक अकाउंट के लिए 5.95 लाख करोड़ रुपये के लोन (Loan) को मंजूरी दी है.
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सरकारी बैंकों ने 65,879 करोड़ रुपये का इमरजेंसी लोन दिया
वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक कुल मिलाकर 1.18 लाख करोड़ रुपये का वित्तपोषण (Finance) एनबीएफसी सेक्टर को सरकारी बैंकों की ओर से दिया गया है. सरकारी बैंकों ने 20 मार्च से 8 मई के दौरान 65,879 करोड़ रुपये का इमरजेंसी लोन दिया है.
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वित्त मंत्रालय ने 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 6,195 करोड़ रुपये जारी किए
बता दें कि मोदी सरकार (Modi Sarkar) के वित्त मंत्रालय ने 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 6,195 करोड़ रुपये जारी कर दिया है. कोरोना वायरस संकट के दौरान राज्यों के संसाधन बढ़ाने के लिये यह राशि जारी की गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण (Nirmala Sitharaman) के कार्यालय ने ट्विटर पर कहा कि सरकार ने 11 मई 2020 करे दूसरी किस्त के रूप में 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में कुल 6,195.08 करोड़ रुपये जारी किये. यह 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप है... इससे राज्यों को कोरोना संकट के दौरान अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध हो पाएगा.
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राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व में किसी प्रकार का नुकसान होने के एवज में राजस्व घाटा अनुदान दिया जाता है. जिन राज्यों को अनुदान जारी किया है, उसमें केरल को 1,276.91 करोड़ रुपये, पंजाब को 638 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को 417.75 करोड़ रुपये दिये गये. इससे पहले तीन अप्रैल को मंत्रालय ने 14 राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 6,195 करोड़ रुपये जारी किया था. ये राज्य आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, तिमलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल थे.
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