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अगर Online Payment लेने से किया इंकार तो देना होगा 5000 रुपये हर रोज का जुर्माना

वित्त अधिनियम, 2019 के एक भाग के रूप में आयकर अधिनियम, 1961 में एक नया खंड (धारा 269SU) डाला गया है, जिसमें एक खास बिजनेस कैटेगरी में आने वाले फर्म को ऑनलाइन पेमेंट एक्सेप्ट करना जरूरी है.

Updated on: 01 Jan 2020, 11:41 AM

highlights

  • नए साल 2020 के शुरु होते ही कई नियम बदल गए हैं. इसी के साथ साथ Digital Payment को प्रमोट करने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है.
  • व्यवसाय या दुकान 1 फरवरी से Digital Payment लेने से इंकार करता है तो उसे प्रति दिन 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
  • यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 30 दिसंबर को एक Circular जारी किया है.

नई दिल्ली:

नए साल 2020 के शुरु होते ही कई नियम बदल गए हैं. इसी के साथ साथ Digital Payment को प्रमोट करने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. अगर कोई भी व्यवसाय या दुकान 1 फरवरी से Digital Payment लेने से इंकार करता है तो उसे प्रति दिन 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 30 दिसंबर को एक Circular जारी किया है. हालांकि ये नियम केवल उन कारोबारियों पर लागू होगा जिनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से ऊपर का होगा.
सरकार ने ऐसा कदम केवल डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए और Less Cash Economy को बढ़ावा देने के लिए किया है.

वित्त अधिनियम, 2019 के एक भाग के रूप में आयकर अधिनियम, 1961 में एक नया खंड (धारा 269SU) डाला गया है, जो भुगतान स्वीकार करने की सुविधा प्रदान करने के लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले प्रत्येक कारोबार के लिए ऑनलाइन पेमेंट करना अनिवार्य है.

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वित्त अधिनियम द्वारा डाले गए भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 की सेक्शन lOA के अनुसार, किसी भी बैंक या सिस्टम प्रदाता को निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से भुगतान करने वाले भुगतानकर्ता या भुगतान प्राप्त करने वाले लाभार्थी पर कोई शुल्क लगाने की अनुमति नहीं है. मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) सहित कोई शुल्क 1 जनवरी या उसके बाद निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से किए गए भुगतान पर लागू नहीं होगा.

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इस सर्कुलर में कहा गया है कि उक्त व्यवसायों को 31 जनवरी को या उससे पहले डिजिटल भुगतान के लिए सुविधाओं को स्थापित करने और संचालन करने की आवश्यकता है. "हालांकि, यदि निर्दिष्ट व्यक्ति ऐसा करने में विफल रहता है, तो वह धारा 271DB के तहत 1 फरवरी से प्रति दिन 5,000 रुपये का जुर्माना अदा करने के लिए उत्तरदायी होगा.