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लक्ष्मी विलास बैंक, डीबीएस बैंक के विलय पर रोक लगाने से बंबई उच्च न्यायालय का इंकार

न्यायमूर्ति नितिन जामदार और मिलिंद जाधव की खंड पीठ लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रवर्तकों के एक समूह की ओर से दायर इस याचिका की सुनवाई कर रही है. इस याचिका में विलय को चुनौती दी गयी है.

Updated on: 27 Nov 2020, 11:08 AM

मुंबई :

Lakshmi Vilas Bank And DBS Bank Merger: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank-LVB) के डीबीएस बैंक इंडिया (DBS Bank India) में विलय पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. विलय आज यानि 27 नवंबर से प्रभावी हो जाएगा. न्यायमूर्ति नितिन जामदार और मिलिंद जाधव की खंड पीठ लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रवर्तकों के एक समूह की ओर से दायर इस याचिका की सुनवाई कर रही है. इस याचिका में विलय को चुनौती दी गयी है.

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अगली सुनवाई 14 दिसंबर 2020 को होगी
अदालत ने याचिकाकर्ताओं को विलय पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया है. मामले पर अगली सुनवाई 14 दिसंबर 2020 को होनी है. तब तक भारतीय रिजर्व बैंक, एलवीबी और डीबीएस बैंक इंडिया अदालत को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एलवीबी के जमाकर्ताओं के हित को देखते हुए उसका डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड में विलय करने को मंजूरी दी.

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बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank-LVB) बैंक के सिंगापुर के डीबीएस बैंक (DBS Bank) की भारतीय इकाई डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में विलय को मंजूरी दे दी है. यह विलय 27 नवंबर 2020 यानी शुक्रवार से प्रभावी हो जाएगा और उसी दिन से एलवीबी की शाखाएं डीबीएस बैंक इंडिया की शाखाओं के रूप में काम करने लगेंगी. इसके साथ ही शुक्रवार से बैंक से 25,000 रुपये की निकासी की सीमा भी समाप्त हो जाएगी.