logo-image

बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra), इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, सस्ते हो गए लोन

बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) की विज्ञप्ति के अनुसार उसने एक साल और छह माह के कर्ज पर एमसीएलआर क्रमश: 7.40 प्रतिशत से घटाकर 7.30 प्रतिशत और 7.30 प्रतिशत से 7.25 प्रतिशत कर दी हैं. बैंक की नई दरें सोमवार से लागू हो चुकी हैं.

Updated on: 08 Sep 2020, 09:09 AM

नई दिल्ली:

सरकारी क्षेत्र के दो बैंकों बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने कर्ज के लिए धन की सीमांत लागत आधारित अपनी मानक दरें (MCLR) 0.10 प्रतिशत तक कम कर दी हैं. बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) की विज्ञप्ति के अनुसार उसने एक साल और छह माह के कर्ज पर एमसीएलआर क्रमश: 7.40 प्रतिशत से घटाकर 7.30 प्रतिशत और 7.30 प्रतिशत से 7.25 प्रतिशत कर दी हैं. बैंक ऑफ महाराष्ट्र की नई दरें सोमवार से लागू हो चुकी हैं.

यह भी पढ़ें: 2022 से पहले दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार की उम्मीद नहीं: रिपोर्ट

इंडियन ओवरसीज बैंक ने सभी अवधि के कर्जों के लिए एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत तक घटाया
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक दिन के, एक माह और तीन माह के कर्ज के लिए एमसीएलआर संशोधित कर क्रमश: 6.80 प्रतिशत, 7 प्रतिशत और 7.20 प्रतिशत किया है. इंडियन ओवरसीज बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि उसने सभी अवधि के कर्जों के लिए एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत तक कम की है. बैंक की एक साल के कर्ज की एमसीएलआर 7.55 प्रतिशत (पहले 7.65), तीन माह और छह माह की एमसीएलआर घटा कर क्रमश: 7.45 प्रतिशत और 7.55 की गयी है. बैंक की नयी दरें दस सितंबर से प्रभावी होंगी.

यह भी पढ़ें: आज मार्केट की ओपनिंग से पहले सोने-चांदी में क्या रणनीति बनाएं, जानिए यहां

सस्ता हो जाएगा होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन
बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक के इस कदम के बाद ग्राहकों का होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सस्ता हो जाएगा. गौरतलब है कि MCLR घटने से मौजूदा लोन सस्ते हो जाते हैं. ग्राहकों को पुरानी EMI के मुकाबले घटी हुई EMI देनी पड़ती है.

यह भी पढ़ें:  रघुराम राजन का बड़ा बयान, और भी बदतर हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था

क्या होता है MCLR - What Is MCLR
MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट भी कहते हैं. इसके तहत बैंक अपने फंड की लागत के हिसाब से लोन की दरें तय करते हैं. ये बेंचमार्क दर होती है. इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. साथ ही MCLR घटने पर लोन की EMI सस्ती हो जाती है.