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इलाहाबाद बैंक को सरकार से 2,153 करोड़ रुपये की नई पूंजी

इस पूंजी के मिलने से बैंक को बड़े बैंक के साथ मिलने में के लिये पूंजी संबंधी नियामकीय शर्तें पूरा करने मदद मिलेगी.

Updated on: 27 Dec 2019, 03:00 AM

दिल्ली:

सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान उसे सरकार से 2,153 करोड़ रुपये की नई पूंजी मंजूर की जा चुकी है. इलाहाबाद बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने जानकारी दी है कि उसे 2,153 करोड़ रुपये की नई पूंजी जारी किए जाने को स्वीकृति दे दी गयी है. केन्द्र सरकार को इसके लिए बैंक वारीयता के आधार पर शेयर आवंटित करेगा.

सरकार ने इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ विलय का विलय का पैसला पहले ही कर लिया है. इस पूंजी के मिलने से बैंक को बड़े बैंक के साथ मिलने में के लिये पूंजी संबंधी नियामकीय शर्तें पूरा करने मदद मिलेगी. इलाहाबाद बैंक का नाम 30 अगस्त को जारी सरकारी बैंकों की उस सूची में शामिल नहीं था जिनके लिये कुल मिलाकर 55,250 करोड़ रुपये की कुल नई पूंजी को मंजूरी दी गई थी. इस सूची के तहत पंजाब नेशनल बैंक के लिये 16,000 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक आफ इंडिया के लिये 11,700 करोड़ रुपये, केनरा बैंक के लिये 6,500 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक के लिये 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी का प्रावधान किया गया था.

इसके अलावा बैंक आफ बड़ौदा के लिये 7,000 करोड़ रुपये इंडियन ओवरसीज बैंक के लिये 3,800 करोड़ रुपये और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के लिये 3,300 करोड़ रुपये की पूंजी जारी की गई. सार्वजनिक क्षेत्र के बेंकों में पूंजी डालने के इस दौर का मकसद इन बैंकों का पूंजी आधार मजबूत करना है ताकि वह आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिये अधिक कर्ज जारी कर सकें. भाषा महाबीर मनोहर मनोहर