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आम भावनाओं के विपरीत सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाने की वकालत कर रहे अभिजीत बनर्जी, पढ़ें पूरा बयान

अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा बैंकों के धोखाधड़ी के मामलों की जांच से एक भय बना हुआ है.

Updated on: 22 Oct 2019, 03:08 PM

नई दिल्ली:

नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जीतने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) ने कहा है कि भारत सरकार को सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी को 51 फीसदी से कम करना चाहिए. उनका कहना है कि आज केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा बैंकों के धोखाधड़ी के मामलों की जांच से एक भय बना हुआ है. निजी बैंकों में CVC की जांच नहीं होती है. उनका कहना है कि आज यह पूरे सिस्टम को पंगु बना रहा है.

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देश में बैंकिंग संकट बहुत ही डरावना है. उनका कहना है कि हमें बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. अभिजीत बनर्जी ने नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana-PMJAY) की तारीफ की है.

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भारत को अभिजीत बनर्जी की उपलब्‍धियों पर गर्व: नरेंद्र मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री आवास (7 लोक कल्याण मार्ग) पर मंगलवार को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जीतने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात हुई. मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ उत्कृष्ट बैठक हुई. मानव सशक्तीकरण के प्रति उनका जुनून साफ ​​दिखाई देता है. हमने विभिन्न विषयों पर लंबी बातचीत की. भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

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पीएम मोदी ने जानकारी दी कि नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ उनकी मुलाकात बहुत ही उत्कृष्ट रही. उनके साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई. पीएम मोदी ने कहा कि भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.