शहरी सहकारी बैंकों (Urban Cooperative Banks-UCB) को पिछले पांच वित्त वर्ष में धोखाधड़ी से 220 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. इस दौरान, बैंकों में धोखाधड़ी के करीब 1,000 मामले सामने आए हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) से यह जानकारी मिली है. सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि 2018-19 के दौरान 127.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 181 मामले सामने आए.
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2017-18 में धोखाधाड़ी के 99 मामलों की सूचना बैंकों ने दी
इसी प्रकार, बैंकों ने 2017-18 में धोखाधाड़ी के 99 मामले (46.9 करोड़ रुपये) और 2016-17 में 27 मामलों (9.3 करोड़ रुपये) की सूचना दी है. आरबीआई (RBI) ने कहा कि 2015-16 में 17.3 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के 187 मामले सामने आए हैं जबकि 2014-15 के दौरान 19.8 करोड़ रुपये के इस तरह के 478 मामले सामने आए। आरटीआई में कहा गया है कि 2014-15 और 2018-19 के दौरान शहरी सहकारी बैंकों में 221 करोड़ रुपये के कुल 972 धोखाधड़ी मामले दर्ज किए गए.
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बैंकों को RBI को धोखाधड़ी के मामलों की जानकारी देना जरूरी
रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने कहा कि बैंकों को आरबीआई को धोखाधड़ी के मामलों के बारे में जानकारी देना जरूरी होता है. बैंक के लिए आवश्यक है कि वह कर्मचारियों की जवाबदेही से जुड़े पहलुओं पर गौर करे और आंतरिक प्रक्रिया के जरिये दोषी को दंडित करे. आरबीआई ने इन मामलों पर कार्रवाई का विवरण देने से इनकार करते हुए कहा कि यह आंकड़े आसानी से उपलब्ध नहीं है.
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इसमें कहा गया है कि देशभर के कुल 1,544 शहरी सहकारी बैंकों में 31 मार्च 2019 तक कुल 4.84 लाख करोड़ रुपये जमा थे. इनमें सबसे ज्यादा तीन लाख करोड़ रुपये महाराष्ट्र के 496 बैंकों में जमा हैं. इसी तरह, गुजरात में 55,102 करोड़ रुपये 219 शहरी सहकारी बैंकों में और कर्नाटक में 263 सहकारी बैंकों में 41,096 करोड़ रुपये जमा हैं.