GST की 56वीं बैठक जल्द होगी, दशहरा और दिवाली से पहले दरों में होगी कटौती!

GST काउंसिल की 56वीं बैठक 3-4 सितंबर 2025 को दिल्ली में होगी. इसमें टैक्स स्लैब घटाकर उपभोक्ताओं   को राहत देने पर बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.

GST काउंसिल की 56वीं बैठक 3-4 सितंबर 2025 को दिल्ली में होगी. इसमें टैक्स स्लैब घटाकर उपभोक्ताओं   को राहत देने पर बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.

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Mohit Saxena
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GST Collection

GST Photograph: (social media)

GST Council meeting: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर 2025  को​ दिल्ली में होगी. यह बैठक सुबह 11 बजे से आरंभ होगी. बैठक से पहले दो सितंबर को अधिकारियों की बैठक रखी गई है. इसमें एजेंडा तैयार किया गया जाएगा. इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को इसमें जुड़ने के लिए आमंत्रित किया गया है.

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इस बैठक त्योहारों के सीजन से ठीक पहले होने वाली है. केंद्र सरकार यह चाहती है कि दशहरा और दिवाली से पहले GST दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे. ऐसे में बैठक में टैक्स स्लैब पर बड़ा निर्णय लिया जा सकता है. 21 अगस्त को मंत्री समूह (GoM) की बैठक में कई सुझाव दिए गए. इस चार स्लैब में  5%, 12%, 18% और 28% की जगह पर सिर्फ दो स्लैब होंगे 5% और 18% रखा गया है. 

12% और 28% स्लैब होगा खत्म 

इसके साथ केंद्र ने "सिन गुड्स" और "अल्ट्रा लग्जरी आइटम्स" के लिए 40 प्रतिशत की अलग दर रखने का सुझाव दिया है. कई राज्यों ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति व्यक्ति है. उनका कहना है कि टैक्स दरें घटने से राजस्व पर असर पड़ेगा. इसलिए राज्यों ने केंद्र से संभावित नुकसान का आंकलन करने और मुआवजा देने की मांग की  है.

अगर टैक्स स्लैब कम किए जाते हैं तो कई प्रोडक्ट्स और सेवाओं पर टैक्स कम हो जाएगा. इससे आम उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिलेगा. दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों पर जब बाजार में खरीदारी बढ़ती है,  उस समय कीमतें घटने से उपभोक्ताओं का खर्च हल्का होगा और डिमांड भी बढ़ेगी.

पिछली बैठकों में क्या लिया निर्णय? 

GST काउंसिल की पिछली बैठकों में भी कई अहम फैसले लिए गए थे. छोटे कारोबारियों के लिए रिटर्न फाइलिंग आसान बनाई गई. MSME सेक्टर को राहत गई थी. कुछ खाद्य उत्पादों पर टैक्ट घटाया गया. राज्यों को मुआवजा फंड भी जारी किया गया. इस बार की बैठक में अगर टैक्स स्लैब पर सहमति बन जाती है. यह अब तक का सबसे बड़ा बदलाव होगा. इससे GST व्यवस्था और सरल होगी. हालांकि, राज्यों की राजस्व हानि को देखते हुए मुआवजे का मुद्दा भी अहम होगा. 

GST 12 PERCENT GST SLAB
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