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Budget 2019: बैंकिंग सिस्टम दुरुस्त होने से 1 लाख करोड़ रुपये घटा NPA, इसमें भी हुआ सुधार

मोदी सरकार ने एनपीए से बैंकों को राहत देने के लिए काम शुरू कर दिया है, जिसका असर भी दिखने लगा है.

Updated on: 06 Jul 2019, 07:19 AM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने एनपीए से बैंकों को राहत देने के लिए काम शुरू कर दिया है, जिसका असर भी दिखने लगा है. बैंकिंग व्यवस्था में सुधारों से जहां नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में एक लाख करोड़ रुपये की कमी आई है तो वहीं, कर्जदारों पर भी सरकार ने सख्त एक्शन लिया है. सरकार ने अब तक बकाएदारों से चार लाख करोड़ रुपये ऋण वसूले हैं. लोकसभा में बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा, सरकार द्वारा किए गए सुधारों से बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ 13.8 प्रतिशत बढ़ी है. सरकारी बैंकों की हालत सुधारने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये की मदद दी गई, जिससे सरकारी बैंकों की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है. उन्होंने कहा, हम बैंकिंग को घर-घर पहुंचाएंगे. उन्होंने साफ किया कि एनबीएफसी की फंडिंग पर रोक नहीं लगेगी.

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निर्मला सीतारमण ने कहा, छोटे दुकानदारों को 59 मिनट में लोन देने की सिस्टम पर जोर है. उन्होंने बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई को मंजूरी देने की बात कही. उन्होंने बताया कि सरकारी कंपनियों का विनिवेश सरकार की प्राथमिकता है. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बाजार से फंड जुटाने में सरकार मदद करेगी. वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था 2014 में 1.85 खरब डॉलर से 2.7 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंची, हम अगले कुछ वर्षों में बहुत अच्छी तरह से 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकते हैं.