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राजस्थान: 'पद्मावती' के विरोध में राजपूत महिलाएं और संत समाज, फिल्म को बैन करने की कर रहे मांग

संजय लीला भंसाली की 'पद्मावती' 1 दिसंबर को रिलीज होगी। इसमें दीपिका के अलावा रणवीर सिंह और शाहिद कपूर भी अहम रोल में हैं।

Updated on: 15 Nov 2017, 09:26 AM

राजस्थान:

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के खिलाफ शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब राजस्थान में राजपूत समाज की महिलाएं इसके विरोध में आ गई हैं। वहीं जयपुर में संत समाज ने मूवी को बैन करने की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में करीब 300 महिलाओं ने इस फिल्म के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया। साथ ही संकल्प लिया कि अगर इस मूवी को इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ के ही रूप में रिलीज किया तो राजपूत महिलाएं घर से निकल कर सड़क पर आ जाएंगी।

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राजपूत महिलाओं का कहना है कि वह इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगी। अगर जरूरत पड़ी तो थिएटर में जाकर विरोध दर्ज कराएंगी। उनका कहना है कि अब यह सिर्फ राजपूत समाज की नहीं, बल्कि पूरे देश की महिलाओं की आन, बान और शान की बात हो गई है।

संत समुदाय ने किया विरोध

वहीं दूसरी तरफ जयपुर में 'पद्मावती' को लेकर चल रहे विवाद में अब संत समुदाय भी कूद गया है। पूर्व विहिप नेता और श्रीरामजन्म भूमि मुक्ति आंदोलन से जुड़े आचार्य धमेंद्र स्वामी ने केंद्र सरकार से फिल्म को प्रतिबंधित करने की मांग की है। साथ ही ​फिल्मकार संजय लीला भंसाली के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा है।

मूवी को बैन करने की मांग

आचार्य धर्मेंद्र के अनुसार साधु-संत समाज इस मामले में एक सामाजिक सेंसर बोर्ड के गठन की रूपरेखा भी तैयार कर रहा है, जो इस तरह की फिल्मों पर अंकुश लगाने का काम कर सके। आचार्य धर्मेंद्र के अनुसार पूर्व में इस संबंध में उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर मूवी को प्रतिबंधित करने की मांग की थी।

मंदिर बनाने की मांग

आचार्य ने बताया कि चित्तौड़ की रानी पद्मनी देश के 1 अरब हिंदुओं की माता हैं। चित्तौड़ में उनका मंदिर बनना चाहिए। साथ ही चित्तौड़ में मां पद्मनी का कुंभ भी लगना चाहिए।

1 दिसंबर को रिलीज होगी फिल्म

यह मूवी 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है, लेकिन इसके पहले जगह-जगह फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के नेता फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं।

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