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'पद्मावती' पर उमा भारती का खुला खत, कहा-नारी चरित्र से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर जारी राजनीतिक विवाद में अब भारतीय जनता पार्टी की सांसद और केंद्रीय़ मंत्री उमा भारती भी कूद पड़ी हैं। फिल्म 'पद्मावती' को लेकर उन्होंने ट्विटर पर खुला खत लिख कर विरोध जताया है।

Updated on: 04 Nov 2017, 06:52 PM

नई दिल्ली:

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर जारी राजनीतिक विवाद में अब भारतीय जनता पार्टी की सांसद और केंद्रीय़ मंत्री उमा भारती भी कूद पड़ी हैं। फिल्म 'पद्मावती' को लेकर उन्होंने ट्विटर पर खुला खत लिख कर विरोध जताया है।

रानी पद्मावती का पक्ष लेते हुए उमा भारती ने कहा कि अलाउद्दीन खिलजी एक व्यभिचारी हमलावर था और उसकी नजर पद्मावती पर थी।

उन्होंने कहा, 'मैं सोचने की आजादी का सम्मान करती हूं और मानती हूं कि अभिव्यक्ति करने का भी मानव समाज को एक अधिकार है।' लेकिन 'इसकी एक सीमा होती है। आप बहन को पत्नी और पत्नी को बहन अभिव्यक्त नहीं कर सकते।' 

उमा ने ट्विटर पर जारी खुले खत में लिखा है कि रानी पद्मावती की गाथा एक ऐतिहासिक तथ्य है। खिलजी एक व्यभिचारी हमलावर था। उसकी बुरी नजर पद्मावती पर थी। उमा भारती ने अपने ट्विटर अकाउंट से खत को शेयर करते हुए लिखा, ' पद्मावती पर मेरा खुला खत।'

उमा ने लिखा, 'कुछ बातें राजनीति से परे होती है, हर चीज़ को वोट के चश्मे से नही देख सकती। मैं तो आज की भारतीय महिला हूं। जिस स्थिति में होंगी, भूत वर्तमान और भविष्य के स्त्रियों के सम्मान की चिंता ज़रूर करूंगी।'

प्वाइंट्स में पढ़िए उमा भारती का पूरा खत:

1. 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सबके लिए है, यह सीमित वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हो सकती। रानी पद्मावती पर मेरी अभिव्यक्ति, मेरी स्वतंत्रता है।'

2. 'मैंने एक खुला पत्र लिखा है, जिसे मैं टुकड़ों में ट्वीट कर रही हूं। आप पूरा पत्र नीचे दिए लिंक पर पढ़ सकते हैं।'

3. 'तथ्य को बदला नही जा सकता, उसे अच्छा या बुरा कहा जा सकता है। आप किसी ऐतिहासिक तथ्य पर फिल्म बनाते हैं तो उसके फैक्ट को वॉयलेट नहीं कर सकते।'

4. 'रानी पद्मावती की गाथा एक ऐतिहासिक तथ्य है। खिलजी एक व्यवचारी हमलावर था। उसकी बुरी नजर पद्मावती पर थी, उसने चित्तौड़ को नष्ट कर दिया था।'

5. 'रानी पद्मावती के पति राणा रतन सिंह अपने साथियों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए थे।'

6. 'स्वयं रानी पद्मावती ने हजारों उन स्त्रियों के साथ, जिनके पति वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जीवित ही स्वयं को आग के हवाले कर जौहर कर लिया था।'

7. 'हमने इतिहास में यही पढ़ा है तथा आज भी खिलजी से नफरत तथा पद्मावती के लिए सम्मान है, उनके दुखद अंत के लिए बहुत वेदना होती है।'

8. 'मनचाहा रेस्पॉन्स नही मिलने पर कुछ लड़के, लड़कियों के चेहरे पर तेजाब डाल देते हैं। वो किसी भी धर्म या जाति के हों, मुझे खिलजी के वंशज लगते है।'

9. 'मैं सोचने की आजादी का सम्मान करती हूं तथा मानती हूं कि अभिव्यक्त करने का भी मानव समाज को एक अधिकार है।'

10.'किंतु, अभिव्यक्ति में कहीं तो एक सीमा होती है। आप बहन को पत्नी और पत्नी को बहन अभिव्यक्त नहीं कर सकते।'

11. 'मैंने तो फिल्म देखी नहीं है, किंतु लोगों के मन में आशंकाओं का जन्म क्यों हो रहा है? इन आशंकाओं का लुत्फ मत उठाइए, न कोई वोट बैंक बनाइए।'

12. 'कोई रास्ता यदि हो सकता है, जरूरी नहीं है कि जो मैंने सुझाया है वही हो, वो रास्ता निकालकर बात समाप्त कर दीजिए।'

13. 'मैं तो आज की भारतीय महिला हूं, जिस स्थिति में होंगी, भूत, वर्तमान और भविष्य के महिलाओँ के प्रति यथाशक्ति अपना कर्तव्य जरूर पूरा करूंगी।'

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बता दें कि उमा भारती ने शुक्रवार को ट्वीट कर इस विवाद को खत्म करने की सलाह दी थी। उन्होंने लिखा था, 'रानी पद्मावती के विषय पर मैं तटस्थ नही रह सकती। मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी के अस्मिता से जोड़ा जाए। क्यो न रिलीज से पहले इतिहासकार, फिल्मकार और आपत्ति करने वाला समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमेटी बनाये और इस पर फैसला करे।'

हालांकि इस मामले में सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि फिल्म रिलीज को लेकर कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए सरकार ध्यान रखेगी।

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