प्रसून जोशी ने 17 साल की उम्र में ही लिखना कर दिया था शुरू, जानें और भी खास बातें
17 साल की उम्र में लिखना शुरू करने वाले जोशी को तारे जमीं पर के गाने पर अंधेरे से डरता हूं मैं मां और चिटगांग के बोलो ना के गीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
नई दिल्ली:
पहलाज निहलानी के बाद अब प्रसून जोशी सेंसर बोर्ड की कमान संभालेंगे। प्रसून जोशी ने दिल्ली 6, रंग दे बसंती, तारे जमीं पर... जैसी तमाम फिल्मों के गाने, डायलॉग या स्क्रीनप्ले लिखे हैं। प्रसून जोशी को विज्ञापन और फिल्म जगत के सम्मानित लोगों में शुमार किया जाता है।
उन्होंने कई फिल्मों के गाने, डायलॉग और स्क्रीनप्ले लिखे हैं। 1971 में जन्में प्रसून जोशी के पिता उत्तराखंड के पीसीएस अधिकारी रह चुके हैं। वहीं इसके साथ ही उनके मां-पिता दोनों का रुझान संगीत में भी था।
17 साल की उम्र में लिखना शुरू करने वाले जोशी को तारे जमीं पर के गाने पर अंधेरे से डरता हूं मैं मां और चिटगांग के बोलो ना के गीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
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प्रसून जोशी को एड गुरु भी कहा जाता है। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में किताबें लिखना शुरू कर दिया था 'मैं और वो' किताब उनकी पब्लिश भी हुई थी।
प्रसून जोशी एमबीए करने के बाद ओ एंड एम के साथ जुड़े। यहां दस साल गुजारने के बाद वह मैकैन एरिक्सन से जुड़े। इसके बाद उन्हें डायरेक्टर राजकुमार संतोषी की फिल्म 'लज्जा' में एंट्री मिली। 'लज्जा' के बाद से वह लगातार फिल्मों से जुड़ते गए।
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