B'DAY Special : पत्नी चित्रा के साथ अपनी जुगलबंदी से समां बांध देते थे जगजीत सिंह
जगजीत की शुरुआती शिक्षा गंगानगर में हुई और बाद में जालंधर में पढ़ाई की. उनके पिता सरदार अमर सिंह धमानी सरकारी कर्मचारी थे.
नई दिल्ली:
‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया, ज़िंदगी धूप तुम घना साया, 'बहुत पहले से हम उन कदमों की आहट जान लेते हैं'... जैसे मखमली गानों से लोगों के दिल में उतर जाने वाले गजल गायक जगजीत सिंह का आज जन्मदिन है. 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में जगजीत सिंह का बचपन का नाम जगमोहन था लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने अपना नाम जगजीत सिंह रख लिया.
जगजीत की शुरुआती शिक्षा गंगानगर में हुई और बाद में जालंधर में पढ़ाई की. उनके पिता सरदार अमर सिंह धमानी सरकारी कर्मचारी थे. बचपन के दिनों से ही उन्हें संगीत से काफी लगाव था उन्होंने अपनी संगीत की शिक्षा उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से हासिल की. अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने फिल्मों के लिए जिंगल गाने भी गाए. इस दौरान उनकी मुलाकात गायिका चित्रा सिंह से हुई और मुलाकात के दो साल बाद 1969 में दोनों विवाह बंधन में बंध गए.
जगजीत-चित्रा ने साथ मिलकर कई गजलें गाईं. दोनों संगीत कार्यक्रमों में अपनी जुगलबंदी से समां बांध देते. उन्हें बेटा विवेक था, जिसकी वर्ष 1990 में एक कार हादसे में मौत हो गई. उस समय उसकी उम्र 18 साल थी. इकलौते बेटे की असमय मौत के बाद चित्रा ने गायकी से दूरी बना ली.
जगजीत सिंह ने 150 से ज्यादा एलबम बनाईं. फिल्मों में गाने भी गाए, लेकिन गजल व नज्म के लिए उन्हें विशेष रूप से लोकप्रियता प्राप्त है. जगजीत सिंह को साल 2003 में भारत सरकार की ओर से पद्मभूषण से सम्मानित किया गया.10 अक्टूबर, 2011 को गजल सम्राट सदा के लिए खामोश हो गए.
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