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उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को दी नवंबर तक की डेडलाइन, उसके बाद NDA से अलग होने का करेंगे फैसला

उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को डेडलाइन देते हुए कहा है कि अगर नवम्बर के आखिर तक 2014 से ज्यादा बढ़ी ताकत के आधार पर सम्मानजनक हिस्सेदारी सुनिश्चित नही हुई तो रालोसपा इस निष्कर्ष पर पहुंचने पर विवश होगी कि इस गठबंधन को आगे बीजेपी रखने में गम्भीर नही है.

Updated on: 17 Nov 2018, 03:09 PM

नई दिल्ली:

उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को डेडलाइन देते हुए कहा है कि अगर नवम्बर के आखिर तक 2014 से ज्यादा बढ़ी ताकत के आधार पर सम्मानजनक हिस्सेदारी सुनिश्चित नही हुई तो रालोसपा इस निष्कर्ष पर पहुंचने पर विवश होगी कि इस गठबंधन को आगे बीजेपी रखने में गम्भीर नही है. इससे पहले RLSP की शनिवार को राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उपेंद्र कुशवाहा को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया था. उसके बाद उन्‍होंने यह बयान दिया है.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने नीच वाले बयान पर सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करते हुए इसे अविलंब वापस लें. 28 नवम्बर को महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि मनाई जाएगी, उस दिन बिहार के सभी जिला मुख्यालय पर रालोसपा ऊंच-नीच मानसिकता विरोध दिवस मनाएंगी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, नीतीश कुमार बहुत पहले से उपेंद्र कुशवाहा को बर्बाद करना चाहते हैं, उनका रवैया बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मेरे विधायक को प्रलोभन देकर मुख्यमंत्री तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो बहुत ही घृणित काम है.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी ने जो ऑफर दिया है, वह सम्मानजनक नहीं है. हम उसे ठुकराते हैं. भूपेंद्र यादव से मेरी दो बार मुलाकात हुई मगर उन्होंने जो सीट दिया, वो स्वीकार नहीं. अमित शाह से हमारी मुलाकात नहीं हो पा रही है. हमने प्रयास किया था. अब हम किसी से मुलाकात का प्रयास अपने तरफ से नहीं करेंगे. उधर से प्रयास हो तो ठीक है. सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात का एक प्रयास करेंगे. ये स्थिति अगर बनी रही तो ये NDA के लिए घातक होगा.

पार्टी के प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा, "रालोसपा अब भाजपा द्वारा और अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी. कुशवाहा ने कुछ मुद्दों पर चर्चा के लिए दो बार अमित शाह से मिलने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने इसके लिए उन्हें समय नहीं दिया."