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नीतीश कुमार बोले, बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में महागठबंधन बने, बिहार की तरह सफल होगा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी को चुनौती देने के लिए महागठबंधन बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है वो अगुवाई करे। लेफ्ट को साथ देना चाहिये।

Updated on: 03 Apr 2017, 08:18 PM

highlights

  • नीतीश कुमार ने कहा, बिहार में जैसे महागठबंधन सफल हुआ, अगर देश में बने तो महासफल होगा
  • बिहार के मुख्यमंत्री कहा कि लोग एकजुट हों, राष्ट्रहित का मुद्दा, एजेंडा हो
  • कुमार ने कहा विपक्ष एकजुट नहीं होगा तो जिनके हाथ में केंद्र की सरकार है वो अपना एजेंडा सेट कर देंगे

नई दिल्ली:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनौती देने के लिए महागठबंधन बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा की बिहार में जैसे महागठबंधन सफल हुआ, अगर देश में बने तो महासफल होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है वो अगुवाई करे। लेफ्ट को साथ देना चाहिये।

उन्होंने कहा, 'हमारे देश में नेताओं की कमी नहीं है, लोग एकजुट हों। राष्ट्रहित का मुद्दा, एजेंडा हो। नहीं तो जिनके हाथ में केंद्र की सरकार है वो अपना एजेंडा सेट कर देंगे।'

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, 'बिहार का महा-गठबंधन जैसे सफल हुआ, अगर देश में बने तो महासफल होगा। कांग्रेस बड़ी पार्टी है वो अगुवाई करे, लेफ्ट (वामदल) को भी आगे आना चाहिए।'

उन्होंने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत पर कहा 'सभी राज्यों की परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) मजबूत विकल्प बनी, ठीक उसी तरह पंजाब में कांग्रेस बनी। उत्तर प्रदेश की बात अलग है, वहां व्यापक विपक्षी एकता नहीं थी।'

बूचड़खानों पर बोले नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा, 'बिहार में 1955 से बूचड़खाने पर प्रतिबंध है। ये सब बेकार की बात कर रहे है। अवैध बूचड़खाने को कैसे अनुमति दिया जा सकता है। किसानों का कर्ज माफ हो, इस देश में असल मुद्दों पर बहस नहीं हो रही है। देश को लोग समझ नहीं रहे हैं।'

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कालाधन और बेनामी सम्पति का क्या हुआ?
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, 'मीडिया नॉन इश्यू को इश्यू बना रही है। एजुकेशन और रोजगार पर बहस होना चाहिए। देश में सामाजिक सरोकार की बात हो। धर्म की बात करते हैं, शराब की क्यों नहीं बात करते, शराबबंदी लागू क्यों नहीं करते।' नीतीश ने कहा, 'हमने नोटबंदी को समर्थन दिया, मगर अब कालाधन और बेनामी सम्पति का क्या हुआ?'