logo-image

मोदी सरकार के लालबत्ती हटाने वाले फ़ैसले से नाराज़ हैं बिहार सरकार के मंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 11 सालों से बिना लाल बत्ती वाली गाड़ियों पर ही चलते हैं।

Updated on: 20 Apr 2017, 09:35 AM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार के सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती लगाने पर पाबंदी वाले आदेश के बाद बिहार सरकार के कई मंत्री नाखुश हो गए हैं। ज़ाहिर है सभी मंत्री वीआईपी स्टेटस और अपने रुतबे को बरकारार रखना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद ऐसा कर पाना काफी मुश्किल होगा।

हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 11 सालों से बिना लाल बत्ती वाली गाड़ियों पर ही चलते हैं। उनके अलावा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के सरकारी वाहन पर भी लाल बत्ती नहीं लगी हुई है।

इस फ़ैसले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वह तो पहले से ही लालबत्ती कल्चर के खिलाफ हैं। जनता की सेवा करना उनका अहम काम है, ना कि वीआईपी स्टेट्स दिखाना।

ये भी पढ़ें- ओवैसी बोले, बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना, गांधीजी की हत्या से भी गंभीर

सरकार में जिन मंत्रियों की गाड़ियों पर लाल बत्ती लगी है, उनमें उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश कुमार, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं।

केंद्र के इस फैसले पर उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव और ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश काफी नाराज़ हैं। विजेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला राज्य सरकारों पर बाध्य नहीं है।

वहीं जल संसाधन मंत्री ललन सिंह से जब लाल बत्ती हटाने को लेकर सवाल पूछा गया तो वो मीडिया के सवाल का जवाब दिए बिना ही सचिवालय के अंदर चले गए।

ये भी पढ़ें- बाबरी विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, आडवाणी, जोशी उमा के खिलाफ चलेगा साजिश रचने का मुकदमा