बिहार चुनाव में 'वोटर अधिकार यात्रा' की ताकत दिखाई देगी: अविनाश पांडे

बिहार चुनाव में 'वोटर अधिकार यात्रा' की ताकत दिखाई देगी: अविनाश पांडे

बिहार चुनाव में 'वोटर अधिकार यात्रा' की ताकत दिखाई देगी: अविनाश पांडे

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IANS
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बिहार विधानसभा चुनाव में वोटर अधिकार यात्रा की ताकत दिखाई देगी: अविनाश पांडे

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

लखनऊ, 7 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे ने दावा किया है कि बिहार में हाल ही में संपन्न हुई वोटर अधिकार यात्रा सफल रही और इसकी ताकत बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों में देखने को मिलेगी।

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रविवार को वोटर अधिकार यात्रा के तर्ज पर यूपी के सीतापुर में प्रदेश स्तरीय वोटर अधिकार रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में भारी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हुए।

कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि आज जिस तरह का माहौल है, इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों का मूड क्या है। जनता ने मन बना लिया है कि अब ऐसी सरकार को सत्ता में लाना है जो उनके हितों के लिए काम करे। उन्होंने दावा किया है कि 2027 में यूपी विधानसभा चुनाव में जनता एनडीए को सबक सिखाएगी। इसकी शुरुआत इसी साल बिहार विधानसभा चुनाव से होगी।

यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने कहा कि सीतापुर में हुई यह रैली गांव-गांव, जिला-जिला तक पहुंचेगी। लोगों को उनके वोट देने के अधिकार से वंचित नहीं होने देंगे।

कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, सीतापुर के बिसवां में आयोजित रैली में उमड़े जनसैलाब ने साबित कर दिया कि जनता अब भाजपा की धांधली बर्दाश्त नहीं करेगी। भारतीय संविधान ने हर नागरिक को समान वोट का अधिकार दिया है, लेकिन भाजपा सरकार चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत कर इस अधिकार को लगातार छीन रही है। एक-एक घर में सैकड़ों वोटर जोड़े जा रहे हैं और विपक्षी मतदाताओं के नाम योजनाबद्ध ढंग से काटे जा रहे हैं। यह केवल चुनावी धांधली नहीं बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है। जनता के साथ मिलकर कांग्रेस इस लड़ाई को पूरे दमखम से लड़ेगी और लोकतंत्र की रक्षा करेगी।

अविनाश पांडे ने राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बिल्कुल सही कह रहे हैं। सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में युवाओं को दो करोड़ रोजगार देने के वादे ने उन्हें गुमराह किया है। आज युवा पूछ रहे हैं कि 11 सालों में दिए गए 22 करोड़ रोजगार कहां हैं? छोटे-बड़े, सभी उद्योग बंद हो रहे हैं, जिससे युवा खुद को असहाय और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। शिक्षा के बावजूद बेरोजगारी चरम सीमा पर है और महंगाई आसमान छू रही है। मुझे लगता है कि जनता आने वाले दिनों में इसका जवाब जरूर देगी।

--आईएएनएस

डीकेएम/डीकेपी

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