भूटान में अचानक आई बाढ़ में फंसे लोग, भारतीय सेना ने रेस्क्यू के लिए पहुंचाई मदद

भूटान में अचानक आई बाढ़ में फंसे लोग, भारतीय सेना ने रेस्क्यू के लिए पहुंचाई मदद

भूटान में अचानक आई बाढ़ में फंसे लोग, भारतीय सेना ने रेस्क्यू के लिए पहुंचाई मदद

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IANS
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New Delhi:  Rising Yamuna Water Level

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारी बारिश के कारण भूटान में कुदरत का कहर बरसा है। रविवार को अमोचू नदी क्षेत्र में आई बाढ़ की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के बीच भूटान के अस्थायी मकानों और कार्यबल शिविरों में कई लोग फंस गए। ऐसे में भारत ने भूटान की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है।

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फंसे हुए लोगों के रेस्क्यू के लिए भूटानी अधिकारियों और भारतीय सेना ने मिलकर ऑपरेशन शुरू किया और बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

खराब मौसम की वजह से ड्रुक एयर का एक हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। ऐसे समय में भूटान ने भारत से तत्काल सहायता मांगी। भारतीय सेना ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए जरूरत वाली जगह पर दो हेलीकॉप्टर तैनात किए। दोनों टीमों ने मिलकर फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके साथ ही उन लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई गई।

रेस्क्यू के बाद भूटान की शाही सरकार ने भारतीय सेना, रॉयल भूटान आर्मी और ड्रुक एयर की टीमों को समय पर मदद पहुंचाने और उनके साहसिक प्रयासों के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया है।

भारत और भूटान के बीच का संबंध काफी पुराना और महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच 1949 में भारत-भूटान मैत्री संधि हुई। इसे 2007 में फिर से संशोधित किया गया। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की बात करें तो भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

इसके अलावा भारत के साथ भूटान का लगभग 90 फीसदी निर्यात और 75 फीसदी आयात होता है। दोनों देशों के बीच जल विद्युत परियोजना के जरिए संबंध और भी मजबूत हुए हैं। भारत भूटान में चुखा, कुरिचू, ताला और मांडेचू जैसे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स का निर्माण करने के साथ ही वित्तपोषित करता है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 29 सितंबर को 69 किलोमीटर और 20 किलोमीटर लंबी दो सीमा पार रेलवे परियोजनाओं की घोषणा की। यह रेल लाइन भूटान को असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से जोड़ेगी। 69 किलोमीटर लंबी कोकराझार (असम)-गेलेफू (भूटान) और 20 किलोमीटर लंबी बनारहाट (पश्चिम बंगाल)-समत्से (भूटान) रेल लाइन की लागत 3,456 करोड़ रुपए और 577 करोड़ रुपए होगी।

-- आईएएनएस

केके/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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