नागपुर, 28 जून (आईएएनएस)। हिंदी के खिलाफ महाराष्ट्र में उद्धव और राज ठाकरे को अब शरद पवार की पार्टी का समर्थन मिल गया है। एनसीपी-एससीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने स्पष्ट किया कि 5 जुलाई को मार्च में उनकी पार्टी शामिल होने वाली है। सुप्रिया ने कहा कि भाषा और शिक्षा का विषय सिर्फ राजनीति नहीं है, बल्कि ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण सामाजिक और शैक्षणिक मुद्दा है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, किसी को खुश करने के लिए बच्चों का भविष्य खराब न करें।
सुप्रिया सुले ने अपनी नागपुर यात्रा के दौरान दीक्षाभूमि में बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। सुप्रिया सुले से पूछा गया कि क्या वह उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के मार्च में हिस्सा लेंगी। इस पर सुप्रिया सुले ने जवाब दिया कि हम पूरी ताकत से इस मार्च में हिस्सा लेंगे।
मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा, भाषा शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है जिसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। भाषा के क्षेत्र में विशेषज्ञों और जानकार लोगों के विचारों-सुझावों को समझना जरूरी है। कोई अन्य राज्य इस तरह से काम नहीं कर रहा है। मुझे समझ में नहीं आता कि महाराष्ट्र इतना अड़ियल रुख क्यों अपना रहा है। हम किसी को खुश करने के लिए बच्चों का भविष्य खराब नहीं कर सकते। एनसीपी-शरद पवार पूरी ताकत से मार्च में हिस्सा लेगी। शिक्षा हमारे लिए एक गंभीर मुद्दा है।
एनसीपी-एससीपी सांसद ने कहा, ये विभाग (शिक्षा मंत्रालय) दादा भुसे के पास है, इसलिए हमें इस बारे में उनसे बात करनी चाहिए। अजित दादा (अजित पवार) भी हमारे पक्ष में हैं, वो भी हमारी तरह इसका विरोध कर रहे हैं। वो सत्ता में हैं, लेकिन अगर लोग विरोध करना चाहते हैं तो इसमें क्या गलत है?
महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में 5वीं तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया था। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि सरकार हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में 5 जुलाई को राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की पार्टियों ने संयुक्त मार्च निकालने का ऐलान किया है, जिसमें अब शरद पवार की पार्टी भी शामिल होगी।
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