भारतीय नौसेना प्रमुख ने अमेरिका की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी का किया दौरा

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IANS
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National Defense University

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वॉशिंगटन, 20 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी इन दिनों अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं। उन्होंने वॉशिंगटन डीसी के फोर्ट लेस्ली जे. मैकनेयर में स्थित अमेरिका की प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) का दौरा किया। यहां उनकी मुलाकात एडीयू के प्रेसिडेंट वाइस एडमिरल पीटर ए. गार्विन से हुई और दोनों नेताओं के बीच गहन और सकारात्मक बातचीत हुई।

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बातचीत के दौरान दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने सैन्य शिक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया। चर्चा में मुख्य रूप से चार बातें सामने आईं। पहला, दोनों देशों की सेनाओं के लिए प्रोफेशनल मिलिट्री एजुकेशन को और बेहतर बनाना। दूसरा, उच्च स्तरीय सैन्य शिक्षण संस्थानों के बीच सीधा संपर्क और सहयोग बढ़ाना। तीसरा, अंतरराष्ट्रीय फेलो और सैन्य प्रोफेसरों के बीच प्रशिक्षण का आपसी आदान-प्रदान शुरू करना। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण, साझा समुद्री हितों को ध्यान में रखते हुए भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों को और गहरा करना।

एडमिरल त्रिपाठी ने एनडीयू के तीन प्रमुख कॉलेजों का दौरा भी किया। इनमें आइजनहावर स्कूल फॉर नेशनल सिक्योरिटी एंड रिसोर्स स्ट्रैटेजी, नेशनल वॉर कॉलेज और कॉलेज ऑफ इंफॉर्मेशन एंड साइबरस्पेस शामिल हैं। इन संस्थानों में पढ़ रहे भारतीय नौसेना के अधिकारियों से उन्होंने लंबी बातचीत की।

अधिकारियों ने बताया कि यहां की पढ़ाई और ट्रेनिंग का स्तर विश्व स्तरीय है और इससे उनकी रणनीतिक सोच में काफी निखार आ रहा है। सीएनएस ने सभी अधिकारियों का मनोबल बढ़ाया और उन्हें देश के लिए सर्वश्रेष्ठ देने की प्रेरणा दी।

यह दौरा भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग की दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है। दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, स्वतंत्र नौवहन और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इस तरह के उच्च स्तरीय दौरे और शैक्षिक आदान-प्रदान से दोनों नौसेनाओं के बीच विश्वास और समझ लगातार बढ़ रही है, जो भविष्य में संयुक्त अभियानों और रणनीतिक साझेदारी के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे दौरों से न सिर्फ ज्ञान का आदान-प्रदान होता है, बल्कि दोनों देश एक-दूसरे की कार्यप्रणाली को करीब से समझ पाते हैं, जिससे आने वाले समय में सहयोग और आसान हो जाएगा।

--आईएएनएस

एसएचके/डीकेपी

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