भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वैश्विक औसत से बढ़कर 485 ग्राम प्रतिदिन तक पहुंची : एस.पी.सिंह बघेल

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भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वैश्विक औसत से बढ़कर 485 ग्राम प्रतिदिन तक पहुंची : एस.पी.सिंह बघेल

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IANS
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भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वैश्विक औसत से बढ़कर 485 ग्राम प्रतिदिन तक पहुंची : एस.पी.सिंह बघेल

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी.सिंह बघेल ने भारतीय अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वैश्विक औसत 329 ग्राम प्रतिदिन की तुलना में बढ़कर 485 ग्राम प्रतिदिन तक पहुंच गई है।

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मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से गुरुवार को दी गई जानकारी के अनुसार, प्रो. एस.पी.सिंह बघेल ने राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2025 के अवसर पर डेयरी किसानों को सेक्स सॉर्टेड सीमन, इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने डेयरी किसानों के आर्थिक उत्थान में डेयरी सहकारी समितियों के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला।

समारोह के दौरान प्रो. एस.पी.सिंह बघेल ने तीन श्रेणियों स्वदेशी गाय/भैंस नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति (डीसीएस)/दूध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन में विजेताओं को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान किए।

प्रो . श्री एसपी सिंह बघेल ने राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) के अंतर्गत रोपड़ मिल्क यूनियन द्वारा कमीशन किए गए 20 मॉडर्न इंसुलेटेड मिल्क टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह टैंकर जेआईसीए-सहायता प्राप्त परियोजना - घटक बी: सहकारिता के माध्यम से डेयरी विकास के माध्यम से समर्थित है । इस कार्यक्रम के दौरान, राज्यों में 9 ब्रीड मल्टीप्लीकेशन फार्मों का उद्घाटन भी किया गया।

मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 के सभी विजेताओं को बधाई दी और डेयरी उत्पादकता में सुधार के लिए आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन और एम्ब्रायो ट्रांसफर जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाने की सराहना की।

उन्होंने भारत के पशुधन क्षेत्र में विकास को गति देने के लिए उपलब्ध पशु चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने और लेटेस्ट साइंटिफिक टेक्नोलॉजी को अपनाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम में पशु उत्पादकता में वृद्धि - तकनीकी विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों के साथ अनुभव साझा करना विषय पर पैनल चर्चा भी हुई और एक्सपर्ट्स ने अपने अनुभव साझा किए।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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