नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। भारत पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों की मेजबानी भारत और मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के तहत करेगा। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री बख्तियोर साईदोव भारत पहुंच चुके हैं। दिल्ली पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया।
भारत और मध्य एशिया के बीच समकालीन राजनयिक संबंध घनिष्ठ और सौहार्दपूर्ण हैं। इसकी नींव हजारों वर्ष पहले ही रखी जा चुकी थी। इस संबंध को भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक ने और मजबूत बनाया है। बैठक की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई थी। यह शिखर सम्मेलन वर्चुअली आयोजित किया गया था।
6 जून को होने वाले चौथे संवाद सत्र की अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर कर सकते हैं। दिल्ली में आयोजित होने वाले सम्मेलन में कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री भाग ले रहे हैं।
बैठक में आतंकवाद का संयुक्त रूप से मुकाबला करने तथा व्यापार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, भारत और मध्य एशिया, एक दूसरे के विस्तारित पड़ोस के रूप में, हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और लोगों के बीच आदान-प्रदान पर आधारित घनिष्ठ और सौहार्दपूर्ण समकालीन राजनयिक संबंधों का आनंद लेते हैं। विदेश मंत्रियों के स्तर पर भारत-मध्य एशिया वार्ता की व्यवस्था ने इस संबंध को काफी आगे बढ़ाया है।
मंत्रालय के बयान में आगे बताया गया, मंत्री भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। व्यापार, संपर्क, प्रौद्योगिकी के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियों और आपसी हित के अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी विदेश मंत्री अपने विचार साझा करेंगे।
चीन मध्य एशियाई देशों के बीच लगातार अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। इसी प्रभाव को कम करने के लिए भारत कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान अपने संबंधों को नया आयाम दे रहा है और विस्तारित कर रहा है।
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