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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय संचार और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने मंगलवार को बाकू में विश्व दूरसंचार विकास सम्मेलन (डब्ल्यूटीडीसी-25) के उच्चस्तरीय समूह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षित और समावेशी वैश्विक डिजिटल भविष्य के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया।
इसके साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के साथ भारत की दीर्घकालिक साझेदारी की पुष्टि की।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे अधिक कनेक्टेड समाजों में से एक के रूप में उभरा है, जिसने 1.2 अरब दूरसंचार ग्राहकों, 1 अरब इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और 1.4 अरब डिजिटल पहचानों को सशक्त बनाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने 4.8 अरब डॉलर के व्यय से 4जी के दूरदराज के इलाकों तक विस्तार और दुनिया में सबसे तेजी से 5जी की शुरुआत के साथ 99 प्रतिशत जिलों तक पहुंच बनाते हुए एक नया वैश्विक मानक स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे कम डेटा शुल्क, सबसे ज्यादा डेटा खपत और 46 प्रतिशत वैश्विक डिजिटल लेनदेन को सक्षम बनाने वाले डिजिटल बुनियादी ढांचे के साथ, भारत ने साबित कर दिया है कि पहुंच, सामर्थ्य और पैमाने को एक साथ आगे बढ़ाया जा सकता है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि डिजिटल पहचान, भुगतान और शासन में भारतीय नवाचार अफ्रीका, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। यह सहयोग व्यावसायिक हितों से प्रेरित नहीं है, बल्कि इस विश्वास से प्रेरित है कि डिजिटल क्षमताओं को साझा किया जा सकता है और किया जाना चाहिए। अपने उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से, भारत ने स्पेक्ट्रम प्रबंधन, साइबर सुरक्षा और डिजिटल शासन में हजारों पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है, साथ ही समान स्पेक्ट्रम आवंटन, किफायती सैटेलाइट ब्रॉडबैंड और विकासशील देशों को सशक्त बनाने वाले प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की लगातार वकालत की है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने 2027-2030 के कार्यकाल के लिए आईटीयू परिषद में पुनः निर्वाचित होने हेतु भारत की उम्मीदवारी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत विकासशील देशों की प्राथमिकताओं को बढ़ावा देना जारी रखेगा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण जैसे व्यावहारिक समाधानों का समर्थन करेगा और विभिन्न क्षेत्रों में आम सहमति को बढ़ावा देगा। केंद्रीय राज्य मंत्री ने रेडियो संचार ब्यूरो के निदेशक पद के लिए भारत के नामांकन की भी घोषणा की, जिससे दुनिया भर में नवाचार-आधारित, भविष्य-तैयार स्पेक्ट्रम प्रशासन को बढ़ावा देने के भारत के संकल्प की पुष्टि हुई।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने समापन भाषण में कहा कि भारत सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कनेक्टिविटी का लाभ दुनिया भर के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे।
--आईएएनएस
एमएस/डीकेपी
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