बेंगलुरु, 9 जून (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने 6 जून को विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के समक्ष शिमोगा जिला केंद्रीय सहकारी (एसडीसीसी) बैंक और कर्नाटक राज्य सहकारी एपेक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष आरएम मंजुनाथ गौड़ा के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों के आधार पर की गई है।
ईडी ने अपनी जांच शिमोगा पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिसमें शिमोगा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की सिटी ब्रांच में 62.77 करोड़ रुपये की गोल्ड लोन धोखाधड़ी का खुलासा हुआ था। इसके अतिरिक्त लोकायुक्त पुलिस ने मंजुनाथ गौड़ा के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 3.95 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के लिए एक और एफआईआर दर्ज की थी। इन दोनों मामलों ने ईडी की जांच आगे बढ़ी है।
जांच के दौरान ईडी ने पाया कि मंजूनाथ गौड़ा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बैंक के नियमों का उल्लंघन किया और गोल्ड लोन के नाम पर बड़े पैमाने पर धन की हेराफेरी की। इस धोखाधड़ी से अर्जित अवैध धन को विभिन्न चल और अचल संपत्तियों में निवेश किया गया।
ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत मंजुनाथ गौड़ा और उनकी पत्नी की 13.91 करोड़ रुपये (वर्तमान बाजार मूल्य) की संपत्तियों को जब्त किया है। इनमें अचल संपत्तियां जैसे जमीन, मकान और अन्य संपत्तियां, साथ ही चल संपत्तियां भी शामिल हैं।
इससे पहले, 9 अप्रैल को ईडी ने मंजुनाथ गौड़ा को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी की जांच में सामने आया कि गौड़ा ने अपने प्रभाव का उपयोग कर बैंक के संसाधनों का दुरुपयोग किया और अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की। जांच एजेंसी ने इस मामले में कई दस्तावेजों और सबूतों को जमा किया है, जो गौड़ा की कथित गैर-कानूनी गतिविधियों की पुष्टि करते हैं।
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