बीजिंग-टोक्यो के तनाव का असर पांडा डिप्लोमेसी पर भी, चीन लौटेंगे जापान में जन्मे 'शियाओ' और 'लेई'

बीजिंग-टोक्यो के तनाव का असर पांडा डिप्लोमेसी पर भी, चीन लौटेंगे जापान में जन्मे 'शियाओ' और 'लेई'

बीजिंग-टोक्यो के तनाव का असर पांडा डिप्लोमेसी पर भी, चीन लौटेंगे जापान में जन्मे 'शियाओ' और 'लेई'

author-image
IANS
New Update
Yongin: The baby panda Fubao plays in the snow at the Everland amusement park

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

टोक्यो/बीजिंग,15 दिसंबर (आईएएनएस)। चीन-जापान के बीच पड़ी दरार का असर पांडा डिप्लोमेसी पर भी पड़ता दिख रहा है। वर्तमान विपरीत परिस्थितियों के चलते जायंट पांडा बंधुओं शियाओ-शियाओ और लेई-लेई को तय अवधि से पहले लौटाना पड़ेगा। भविष्य में इस समझौते का क्या होगा इस पर भी कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है। इसे लेकर जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से सवाल किया गया तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया!

Advertisment

टोक्यो मेट्रोपॉलिटन गवर्मेंट ने सोमवार को कहा कि उएनो जूलॉजिकल गार्डन में मौजूद जुड़वा जायंट पांडा को चीन वापस भेजने का फैसला किया गया है। इसके बाद जापान 1972 के बाद पहली बार पांडा रहित होगा, यानी अब देश में एक भी पांडा नहीं बचेगा। ये जापान और चीन के बीच दोस्ती का प्रतीक रहे हैं।

जापान में पांडा, शियाओ-शियाओ और लेई-लेई को जनवरी के अंत तक चीन वापस भेजे जाने की उम्मीद है।

द जापान टाइम्स के अनुसार, फरवरी में उनकी तय वापसी से पहले रहने की अवधि बढ़ाने या उनकी जगह नए पांडा लोन पर लेने के लिए चीन के साथ बातचीत की जा रही थी।

प्रजनन अनुसंधान के ऋण समझौते के अनुसार, जानवर 2021 में चिड़ियाघर में पैदा हुए थे। अनुबंध फरवरी 2026 में समाप्त हो रहा है।

हालांकि, चीन में शेड्यूल में फेरबदल कर अवधि लगभग एक महीने कम कर दी गई, और नए समझौते की अभी कोई संभावना नहीं दिख रही है। अधिकारियों के अनुसार चीनी पक्ष ने भविष्य की व्यवस्थाओं के संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है।

2021 में टोक्यो में पैदा हुए इन जुड़वा पांडा के जाने के बाद, 50 से ज्यादा साल में यह पहली बार होगा कि जापान में कोई पांडा नहीं होगा।

यह जापान और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है, जो पिछले महीने जापानी प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची की टिप्पणियों के बाद शुरू हुआ है।

चीन की पांडा डिप्लोमेसी दोनों देशों के बीच एक सहयोगी रिसर्च प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर काम करती रही है। चीन कानूनी तौर पर ऐसे सभी जानवरों का मालिक है, जो जापान में पैदा हुए हैं।

री री और शिन शिन के जोड़े ने तीन शावकों- शियाओ शियाओ, लेई लेई और शियांग शियांग को जन्म दिया था। उस जोड़े को 2023 में चीन वापस भेज दिया गया था।

जून में, वाकायामा प्रीफेक्चर के एडवेंचर वर्ल्ड में पैदा हुए और पाले गए चार पांडा को भी चीन वापस भेज दिया गया, क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने वाला था।

हाल तक, चीनी सरकार जापान को एक नया जायंट पांडा देने की संभावना के बारे में सकारात्मक संकेत दे रही थी। चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने अप्रैल में कहा था कि बीजिंग विशाल पांडा संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में जापान की लगातार रुचि का स्वागत करता है।

उएनओ चिड़ियाघर ने कहा कि वह पांडा को होस्ट करना जारी रखना चाहता है और चीन के साथ संयुक्त रिसर्च प्रोजेक्ट जारी रखना चाहता है।

वहीं इस मामले को लेकर जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन से सोमवार को एक प्रेस ने सवाल किया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये प्रश्न संबंधित विभाग से पूछा जाए उनसे नहीं। उन्होंने कहा, आपने जो खास सवाल पूछा है, उसके बारे में सलाह दी जाती है कि आप इस मामले की जांच के लिए संबंधित चीनी अधिकारियों से संपर्क करें।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment