बरनाला : आउटसोर्स वर्कर्स यूनियन ने राज्य सरकार और विभाग के खिलाफ किया प्रदर्शन

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बरनाला : आउटसोर्स वर्कर्स यूनियन ने राज्य सरकार और विभाग के खिलाफ किया प्रदर्शन

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IANS
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बरनाला: जल सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड आउटसोर्स वर्कर्स यूनियन ने राज्य सरकार और विभाग के खिलाफ किया प्रदर्शन

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बरनाला, 10 जून (आईएएनएस)। पंजाब के बरनाला में जल सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड आउटसोर्स वर्कर्स यूनियन ने राज्य सरकार और विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने पंजाब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा, लेकिन वह आज तक पूरा नहीं हुआ।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 23 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत सिंह और जल सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के सीईओ तथा चीफ इंजीनियर हेडक्वार्टर के सुपरिंटेंडेंट के साथ हुई मीटिंग में उन्हें 15 दिन के अंदर मांगें पूरी करने को कहा गया था, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं।

कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्स पर काम करने वाले अधिकारियों को विभाग द्वारा पूर्ण रूप से स्थायी किया जाना चाहिए।

पंजाब वाटर सप्लाई सीवरेज बोर्ड वर्कर्स यूनियन आउटसोर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलदेव सिंह मंडेर ने कहा कि आज हमने राज्य कमेटी के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार हमारी बुनियादी मांगों पर उचित ढंग से ध्यान देते हुए अधिसूचना जारी नहीं करती।

उन्होंने बताया कि हमारी पहली मीटिंग 23 अप्रैल को हुई थी, जिसमें कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत सिंह और विभाग के सभी अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने वादा किया था कि 15 दिनों के अंदर आपकी मांगें मान ली जाएंगी। लेकिन, हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया। इसके विरोध में हमने अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल का आह्वान किया है। हमारे कर्मचारी 20 वर्षों से 20,000 रुपए प्रतिमाह से कम कमा रहे हैं और अपने परिवारों का भरण-पोषण करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमारी मांग है कि कर्मचारियों को तुरंत नियमित किया जाना चाहिए। हमारी दूसरी मांग है कि 15वें श्रम सम्मेलन में सरकार ने 2,700 कैलोरी के आधार पर भोजन भत्ते की गणना कर प्रत्येक कर्मचारी के लिए 35,000 से 40,000 वेतन निर्धारित किया है, जो हमें तुरंत दिया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि हमारे जो साथी सीवरेज बोर्ड में 25 से 30 वर्षों से काम कर रहे हैं और अस्पताल में ड्यूटी कर रहे हैं, उनकी सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष की जानी चाहिए। अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आने वाले समय में सीवेज की मोटरें बंद हो जाएंगी और पानी की सप्लाई भी बंद हो जाएगी।

पंजाब जल सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के महासचिव मिल्खा सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा, लेकिन सरकार ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार को चेतावनी देने के लिए यह हड़ताल तीन-चार दिन के लिए निर्धारित की गई है। अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आने वाले समय में सीवर जाम कर दिए जाएंगे और पानी की मोटरें भी बंद कर दी जाएंगी।

--आईएएनएस

एकेएस/एबीएम

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