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उत्तर प्रदेश में आजम खान के कार्यकाल से मदरसों पर कार्रवाई की शुरुआत : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
बरेली, 22 जुलाई (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने उत्तर प्रदेश में मदरसों को बंद करने के लिए जारी नोटिसों को अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक करार दिया है।
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि मदरसों को निशाना बनाने की शुरुआत 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार से हुई थी। उस समय अल्पसंख्यक मंत्री आजम खान के कार्यकाल में ततानिया और फौकानिया की जिला स्तर की मान्यता बंद कर दी गई थी। बाद में आलिया और उस्तालिया की शासन स्तर की मान्यता भी समाप्त कर दी गई, तब से मदरसों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि बरेली में ही 250 से अधिक मदरसों को बंद करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। कई मदरसा संचालकों और प्रबंधकों ने उनसे संपर्क कर इस कार्रवाई पर चिंता जताई है।
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई संविधान के खिलाफ है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 30(1) से अल्पसंख्यक समुदाय को शैक्षणिक संस्थाएं स्थापित करने और संचालित करने का अधिकार मिला है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब संविधान यह अधिकार देता है, तो सरकार को मदरसों को बंद करने का नोटिस देने का हक कैसे हो सकता है?
उन्होंने सरकार से मांग की कि वह एक स्पष्ट मानक तैयार करे, जिसके आधार पर मदरसों को मान्यता दी जाए। जो मदरसे इन मानकों को पूरा करें, उन्हें मान्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड के तहत चलने वाले स्कूलों को नोटिस नहीं दिए जाते, लेकिन मदरसा शिक्षा बोर्ड के अधीन चलने वाले संस्थानों को बार-बार नोटिस थमाए जा रहे हैं। यह दोहरा मापदंड अन्यायपूर्ण है।
उन्होंने सरकार से नोटिस वापस लेने की अपील की और कहा कि यह कार्रवाई न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का हनन है, बल्कि देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता पर भी हमला है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाई सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती है।
--आईएएनएस
एसएचके/एबीएम
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.