नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। बनारस रेल इंजन कारखाना (बीएलडब्ल्यू) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए शनिवार को अपना 2,500वां इलेक्ट्रिक रेल इंजन राष्ट्र को समर्पित किया।
महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में डब्ल्यूएपी-7 श्रेणी के 6,000 एचपी इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह समारोह भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
अत्याधुनिक तकनीक और स्वदेशी नवाचार से निर्मित 2,500वां इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव बीएलडब्ल्यू की तेज गति से काम करने की क्षमता को दर्शाता है। मात्र आठ वर्षों के भीतर इस उपलब्धि तक पहुंचना भारतीय रेलवे के विनिर्माण इतिहास में एक रिकॉर्ड माना जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के साथ बीएलडब्ल्यू के सशक्त कार्यबल भी शामिल हुए, जिसमें फिटर अनीता देवी और सहायक श्रुति श्रीवास्तव जैसी महिला कर्मचारी भी शामिल थी, जो मुख्य इंजीनियरिंग भूमिकाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है।
अधिकारियों ने बीएलडब्ल्यू की प्रगति के बारे में जानकारी साझा की, जिसमें लोकोमोटिव उत्पादन, निर्यात और चल रही विकास परियोजनाओं में कारखाने की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।
तकनीकी रूप से उन्नत नया डब्ल्यूएपी-7 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम, वातानुकूलित ड्राइवर कैब, रीजनरेटिव ब्रेकिंग और उच्च गति वाली पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को 140 किमी/घंटा तक की गति से खींचने के लिए संशोधित गियर अनुपात से लैस है। इसे दक्षिण-पश्चिम रेलवे के कृष्णराजपुरम शेड में तैनात किया जाएगा।
अपनी स्थापना के बाद से बीएलडब्ल्यू ने कुल 10,822 इंजनों का निर्माण किया है, जिनमें 7,498 डीजल और 2,500 इलेक्ट्रिक इंजन शामिल हैं।
अकेले वित्त वर्ष 2024-25 में इसने 472 इलेक्ट्रिक इंजनों का उत्पादन किया था।
यह कारखाना अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डरों को भी पूरा कर रहा है तथा हाल ही में मोजाम्बिक द्वारा ऑर्डर किए गए दस एसी डीजल-इलेक्ट्रिक इंजनों में से दो को भेज दिया गया है।
--आईएएनएस
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