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सुप्रीम कोर्ट ने BS-IV गाड़ियों की बिक्री को लेकर ऑटोमोबाइल डीलर्स को लगाई कड़ी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी ओर से दी गई रियायत का गलत फायदा उठाया गया है. हमने 27 मार्च को 1.05 लाख BS-IV वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की इजाजत दी थी लेकिन अब लगता है कि 2.55 लाख वाहन बेचे गए हैं.

Updated on: 15 Jun 2020, 01:59 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने BS-IV गाड़ियों की बिक्री को लेकर ऑटोमोबाइल डीलर्स को कड़ी फटकार लगाई है. BS-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन में रियायत के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फाडा (Federation of Automobile Dealers Associations-FADA) को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों की ब्रिकी से जुड़ा हलफनामा पेश नहीं करने पर ये फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी ओर से दी गई रियायत का गलत फायदा उठाया गया है. हमने 27 मार्च को 1.05 लाख BS-IV वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की इजाजत दी थी लेकिन अब लगता है कि 2.55 लाख वाहन बेचे गए हैं.

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कोर्ट ने FADA से बिक्री और पंजीकरण का विवरण मांगा
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने शुक्रवार तक FADA से बिक्री और पंजीकरण का विवरण मांगा है. इसके अलावा सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भी अदालत के 27 मार्च के आदेश के बाद बेची और रजिस्टर्ड किए गए बीएस- IV वाहनों का विवरण देने को कहा गया है. बता दें कि 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने BS-4 वाहन की बिक्री पर रियायत दी थी. कोर्ट ने कहा था कि जो स्टॉक बचा है, उसका 10 फीसदी लॉकडाउन खत्म होने के 10 दिन के बाद तक बेची जा सकेगी लेकिन ये बिक्री दिल्ली-NCR में नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने फाडा की याचिका पर ये फैसला सुनाया था.

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फाडा ने BS-IV वाहनों की बिक्री की सीमा को 31 मार्च से बढ़ाने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. फाडा ने अपनी याचिका में कहा था कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लागू रहे लॉकडाउन से गाड़ियों की बिक्री नहीं हो पाई थी. फाडा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट इन स्थितियों को देखते हुए अपने पुराने आदेश में संशोधन करे. बता दें कि कोर्ट के पिछले आदेश के तहत 31 मार्च के बाद बीएस IV की गाड़ियों की बिक्री नहीं की जा सकती थी.