इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों के बचेंगे पैसे, सरकार ने उठाया ये कदम
सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. मंत्रालय ने पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या नवीनीकरण के लिये बैटरी से चलने वाले वाहनों को शुल्क भुगतान से मुक्ति का प्रस्ताव दिया है.
highlights
- पंजीकरण प्रमाणपत्र लेने या उसके नवीनीकरण और नए पंजीकरण वाला चिह्न प्राप्त करने को लेकर मौजूदा नियमों में बदलाव किए गए
- मंत्रालय ने पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या नवीनीकरण के लिये बैटरी से चलने वाले वाहनों को शुल्क भुगतान से मुक्ति का प्रस्ताव दिया
नई दिल्ली:
अगर आपके पास इलेक्ट्रिक वाहन है तो यह खबर सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही है. दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैटरी से चलने वाले वाहनों को पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) लेने या उसके नवीनीकरण और नए पंजीकरण वाला चिह्न प्राप्त करने को लेकर मौजूदा नियमों में बदलाव कर दिए हैं. सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. मंत्रालय ने पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या नवीनीकरण के लिये बैटरी से चलने वाले वाहनों को शुल्क भुगतान से मुक्ति का प्रस्ताव दिया है.
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27 मई, 2021 को एक अधिसूचना जारी
सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने 27 मई, 2021 को एक अधिसूचना जारी की है. इसके तहत केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में एक और संशोधन किया गया है. प्रस्ताव किया गया है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) लेने या उसके नवीनीकरण और नये पंजीकरण वाला चिह्न प्राप्त करने के लिये शुल्क भुगतान से मुक्त कर दिया जाए. ई-मोबीलिटी को बढ़ावा देने के लिये यह अधिसूचना जारी की गई है. इस पर आम जनता और सभी हितधारकों से विचार मांगे गये हैं, जो अधिसूचना के मसौदे के जारी होने से तीस दिनों के भीतर दे दिये जाएं.
बता दें कि नीति आयोग (NITI Aayog) और रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (Rocky Mountain Institute-RMI) इंडिया ने मार्च 2021 में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) के लिए वित्त पोषण पर एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में वित्त की भूमिका दिखाई गई थी और यह विश्लेषण किया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग अवसंरचना और बैट्रियों में अगले दशक में संचित रूप से 266 बिलियन डॉलर (19.7 लाख रुपये) के पूंजीनिवेश की जरूरत है. रिपोर्ट में 2030 में इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्त पोषण के लिए 50 बिलियन डॉलर (3.7 लाख करोड़ रुपये) का बाजार है जो भारत के खुदरा वाहन वित्त पोषण उद्योग के वर्तमान आकार से 80 प्रतिशत अधिक है. भारत का वर्तमान वित्त पोषण उद्योग 60 बिलियन डलर (4.5 लाख करोड़ रुपये) का है.
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