logo-image

अब प्रदूषण की चिंता किए बगैर Hydrogen Fuel से चलाइए कार, ट्रायल सफल

केपीआइटी टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने हाइड्रोजन ईंधन सेल (HFC) से चलने वाली पहली प्रोटोटाइप कार का सफल परीक्षण किया है.

Updated on: 11 Oct 2020, 04:56 PM

नई दिल्ली:

केपीआइटी टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने हाइड्रोजन ईंधन सेल (HFC) से चलने वाली पहली प्रोटोटाइप कार का सफल परीक्षण किया है. शनिवार को जारी बयान में कहा गया है कि CSIR और KPIT ने 10 किलोवाट की इलेक्ट्रिक बैटरी (Electric Battery) तैयार की है. परीक्षण के लिए बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक कार में ही ईंधन सेल को फिट किया गया था. बयान में यह भी कहा गया है कि HFC तकनीक का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही प्रदूषण लेवल कम होगा और दुनिया एक साफ-सुथरी जगह बन जाएगी. 

विद्युत ऊर्जा पैदा करने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच (हवा से) HFC रासायनिक प्रतिक्रियाओं का उपयोग कर जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) के उपयोग को समाप्त करती है. HFC पूरी तरह से देश में विकसित किया गया ईंधन सेल स्टैक (विद्युत ऊर्जा पैदा करने वाली बैटरियां) है. यह केवल पानी छोड़ती है और अन्य वायु प्रदूषकों के साथ हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करती है. ईंधन सेल स्टैक को सात सीटों वाली कार में आसानी से फिट किया जा सकता है. 65-75 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी यह तकनीक काम कर सकती है. 

बस और ट्रक जैसे बड़े वाहनों के लिए यह तकनीक अत्यधिक कारगर साबित हो सकती है, क्‍योंकि बड़े वाहनों को चलाने के लिए अधिक ऊर्जा की जरूरत होगी. HFC तकनीक में छोटी बैटरी से ही बड़े पैमाने पर विद्युत ऊर्जा पैदा हो सकती है. 

केपीआइटी की ओर से कहा गया है कि इस प्रौद्योगिकी का भविष्‍य बेहतर है और स्वदेशी विकास के कारण इसका व्‍यावसायिक इस्‍तेमाल पहले से कहीं अधिक बेहतर हो सकता है. उधर, CSIR-नेशनल केमिकल लैब की ओर से कहा गया है कि देश में परिवहन व्यवस्था में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन आधारित अक्षय ऊर्जा का प्रयोग करने का समय अब आ गया है.