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ऑटो सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार जल्द ला सकती है PLI स्कीम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑटो और ऑटो एंसिलियरी सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम को जल्द लागू करने के लिए कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिल सकती है.

Updated on: 01 Jun 2021, 11:10 AM

highlights

  • बैठक में नीति आयोग, उद्योग और वित्त मंत्रालय से जुड़े अहम लोग शामिल थे
  • पीएलआई योजना से ऑटो सेक्टर में निवेश बढ़ने की संभावना जताई जा रही है
  • पीएलआई स्कीम लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में मददगार हो सकता है

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ऑटो सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए विशेष पीएलआई योजना (Production Linked Incentive Scheme-PLI Scheme) लाने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैबिनेट सचिव की अगुवाई में पीएलआई स्कीम को जल्द लागू करने को लेकर अहम बैठक हुई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑटो और ऑटो एंसिलियरी सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम को जल्द लागू करने के लिए कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिल सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक व्यय वित्त समिति (Expenditure Finance Committee) से PLI स्कीम के लिए मंजूरी मिल गई है.

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ऑटो सेक्टर में निवेश बढ़ने की संभावना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक PLI स्कीम के तहत उत्पादन और खपत के आधार पर ऑटो सेक्टर को 57 हजार करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जा सकता है. बता दें कि केंद्र सरकार ऑटो सेक्टर के लिए पिछला राहत पैकेज लागू करने पर खासा ध्यान दे रही है. 31 मई को कैबिनेट सचिव की अगुवाई में हुई बैठक में नीति आयोग, उद्योग और वित्त मंत्रालय से जुड़े कई अहम लोग शामिल थे. पीएलआई योजना से देश में ऑटो सेक्टर में निवेश बढ़ने की संभावना जताई जा रही है और इससे भारी मात्रा में नौकरियों के अवसर बनने का भी अनुमान लगाया जा रहा है. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएलआई स्कीम लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑटो इंडस्ट्री ने वर्ष 2025-26 तक ऑटोमोबाइल सेक्टर में दोगुना एक्सपोर्ट का अनुमान लगाया हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा समय में 19 अरब डॉलर के वाहन और 30 अरब डॉलर के ऑटो कंपोनेंट्स का निर्यात देश से हो रहा है. बता दें कि मोदी सरकार ने भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के उद्देश्य से प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को शुरू किया है. इसके तहत देश और विदेश की कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए आकर्षित किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले पांच साल में मोदी सरकार भारत में उत्पादन करने वाली कंपनियों को 1.46 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा.