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मोदी सरकार ने कार खरीदारों को दी ये बड़ी राहत, जानिए क्या

वाहन निर्माताओं द्वारा डिफेक्टिव वाहन बेचने पर अब उस वाहन को रीकॉल करना होगा. इसके अलावा मोदी सरकार ने वाहनों की टेस्टिंग करने वाली एजेंसियों के काम में गलती पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है.

Updated on: 17 Mar 2021, 03:28 PM

highlights

  • वाहन निर्माताओं द्वारा डिफेक्टिव वाहन बेचने पर अब उस वाहन को रीकॉल करना होगा
  • वाहनों की टेस्टिंग करने वाली एजेंसियों के काम में गलती पाए जाने पर कार्रवाई होगी

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कार खरीदारों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है. अगर आपको वाहन निर्माता कंपनी डिफेक्टिव वाहन की बिक्री करती है तो उसे उस कार को रीकॉल करना होगा. मतलब यह कि वाहन निर्माताओं द्वारा डिफेक्टिव वाहन बेचने पर अब उस वाहन को रीकॉल करना होगा. इसके अलावा मोदी सरकार ने वाहनों की टेस्टिंग करने वाली एजेंसियों के काम में गलती पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है. सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार का यह नया नियम 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी हो जाएगा. मोदी सरकार के इस फैसले से कार खरीदारों को बड़ी राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है.

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पुराने वाहनों को कबाड़ करने के एवज में ग्राहकों को नए वाहन की खरीद पर मिलेगा करीब 5 फीसदी का डिस्काउंट

बता दें कि केंद्रीय एमएसएमई, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (Union MSME, Road Transport And Highways Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि पुराने वाहनों को कबाड़ में डालने वाले लोग नए वाहनों की खरीद पर करीब 5 फीसदी तक की छूट पा सकते हैं. सरकार नई स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत नई गाड़ी की खरीद पर 5 फीसदी का डिस्काउंट देगी. उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों (Old Vehicle) को कबाड़ करने के एवज में वाहन कंपनियों के द्वारा ग्राहकों को नए वाहन की खरीद पर करीब 5 फीसदी का डिस्काउंट दिया जाएगा.

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बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 को पेश करते हुए कहा था कि अब ऑटो सेक्टर से 20 साल पुरानी प्राइवेट गाड़ियां हटाई जाएंगी, जबकि कॉमर्शियल की बात करें तो 15 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप पॉलिसी में लिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नितिन गडकरी ने कहा कि स्क्रैपेज पॉलिसी के चार प्रमुख घटक हैं. इसके तहत डिस्काउंट के अलावा, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स और अन्य शुल्क का प्रावधान किया गया है. उनका कहना है कि वाहनों को स्वचालित सुविधाओं में अनिवार्य फिटनेस और प्रदूषण परीक्षणों से गुजरना जरूरी होगा.