डीजल वाहनों से दूरी कायम रखेगी मारुति, पेट्रोल कारों को अधिक ईंधन दक्ष बनाएगी
डीजल वाहनों की हिस्सेदारी वर्तमान में कुल यात्री वाहन (पीवी) की बिक्री में 17 प्रतिशत से भी कम है. यह 2013-14 की तुलना में भारी गिरावट है, जब कुल बिक्री में डीजल कारों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत थी.
highlights
- 2023 में नए उत्सर्जन नियमों से लागत बढ़ने की संभावना
- डीजल वाहनों के प्रतिशत में और भी कमी आ सकती है
- कई कंपनियों ने पोर्टफोलियो में डीजल मॉडल कम किए
नई दिल्ली:
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने डीजल खंड में वापसी की संभावना से इनकार किया है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 2023 में उत्सर्जन मानकों के अगले चरण की शुरुआत के साथ ऐसे वाहनों की बिक्री में और कमी आएगी. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी का मानना है कि उत्सर्जन मानकों के अगले चरण से डीजल वाहनों की लागत बढ़ जाएगी, जिससे बाजार में उनकी बिक्री और घटेगी. इसी कारण से पिछले कुछ साल के दौरान पेट्रोल कारों की ओर स्थानांतरण देखा जा रहा है. मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य तकनीकी अधिकारी सी वी रमन ने कहा, ‘हम डीजल क्षेत्र में नहीं जा रहे हैं. हमने पहले संकेत दिया था कि हम इसका अध्ययन करेंगे और ग्राहकों की मांग होगी तो हम वापसी कर सकते हैं, लेकिन हम इसमें लौटने नहीं जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि आगे सख्त उत्सर्जन नियम लागू होने जा रहे हैं. यह एक प्रमुख वजह है कि कंपनी डीजल कारों से बचना चाह रही है.
नए उत्सर्जन नियम हैं बड़ी वजह
उन्होंने कहा, ‘2023 में उत्सर्जन मानदंडों का नया चरण आएगा जिससे लागत बढ़ने की संभावना है. इसलिए हम मानते हैं कि डीजल वाहनों के प्रतिशत में और कमी आ सकती है. हम प्रतिस्पर्धा के बारे में नहीं जानते हैं, लेकिन मारुति का इसमें भाग लेने का कोई इरादा नहीं है.’ उद्योग के अनुमान के अनुसार, डीजल वाहनों की हिस्सेदारी वर्तमान में कुल यात्री वाहन (पीवी) की बिक्री में 17 प्रतिशत से भी कम है. यह 2013-14 की तुलना में भारी गिरावट है, जब कुल बिक्री में डीजल कारों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत थी.
कई कंपनियों ने डीजल मॉडल किए कम
एक अप्रैल 2020 से भारत चरण-छह (बीएस-छह) उत्सर्जन दौर की शुरुआत के साथ देश में कई वाहन विनिर्माताओं ने अपने संबंधित पोर्टफोलियो में डीजल मॉडलों को कम कर दिया है. मारुति ने तो भारत चरण-छह मानक लागू होने के साथ अपने पोर्टफोलियो में डीजल मॉडल को बंद कर दिया था. कंपनी की संपूर्ण मॉडल श्रृंखला में अभी बीएस-छह अनुपालन वाले एक लीटर, 1.2 लीटर और 1.5 लीटर वाले पेट्रोल मॉडल हैं. इसके अलावा कंपनी अपने सात मॉडलों में सीएनजी संस्करण की भी पेशकश करती है. रमन ने कहा कि कंपनी ईंधन दक्षता के मामले में अपने मौजूदा पेट्रोल पावरट्रेन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी और आगे चलकर अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत करने के लिए नए इंजनों पर गौर कर सकती है. रमन ने कहा, ‘हम कहते रहे हैं कि अपने मौजूदा पावरट्रेन में सुधार करेंगे. सेलेरियो में नया के10-सी इंजन इस सुधार का एक उदाहरण है. इसी तरह 1.2 लीटर के इंजन में भी कुछ बदलाव हुआ है.
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