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बढ़ते कोरोना से इंडियन मोबिलटी सेक्टर में 30-40 प्रतिशत तक नुकसान

देश में कोरोना में उछाल के कारण ओला, ऊबर और रैपिडो जैसे प्रमुख व्यापार में कई राज्यों में 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है.

Updated on: 03 May 2021, 02:44 PM

नई दिल्ली:

भारत में राइड हेलिंग सेक्टर जिसने 2020 में कठिन समय देखा, इस साल मार्च में समग्र 78 मिलियन राइड में से 69 प्रतिशत की रिकवरी करने में कामयाब रहा. सोमवार को एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड की दूसरी लहर गतिशीलता क्षेत्र को एक बार फिर हिट करने वाली है. रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि देश में कोरोना में उछाल के कारण ओला, ऊबर और रैपिडो जैसे प्रमुख व्यापार में कई राज्यों में 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है. वहीं आने वाले महीनों में कई राज्य लॉकडाउन की तरफ बढ़ते दिखाई दे रहे है. रिपोर्ट में उल्लेखित है कि बाइक टैक्सियों में भी वृद्धि देखी गई, लेकिन यह दूसरों की तुलना में धीमी है.

ऑटोस ने की सबसे तेज रिकवरी
बेंगलुरु स्थित मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर के अनुसार, ऑटोस ने मार्च में सबसे अधिक 25 मिलियन की रिकवरी की है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'हालांकि, यह पूर्व कोविड दिनों की तुलना में अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है. यह प्रवृत्ति जारी है क्योंकि इससे वायरस के अनुबंध के कम जोखिम हैं.' मार्च में 40 मिलियन रिकवरी के साथ कैब का बाजार में दबदबा कायम रहा. रिपोर्ट में उल्लेखित है कि बाइक टैक्सियों में भी वृद्धि देखी गई, लेकिन यह दूसरों की तुलना में धीमी है.

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आने वाले महीनों में गिरावट की आशंका
रिपोर्ट में कहा गया है 'जबकि सेक्टर में धीरे-धीरे रिकवरी देखी जा रही है, दूसरी लहर के हिट होने के साथ ही आने वाले महीनों में गिरावट जारी रहेगी.' जनवरी से मार्च तिमाही में, कैब्स ने बाजार में अपना वर्चस्व कायम किया क्योंकि कई कार्यालय 50 प्रतिशत की क्षमता पर फिर से शुरू हुए और श्रेणी में उच्च वृद्धि हुई. ऑटो सबसे अधिक विकास श्रेणी में रहा है और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी हासिल की है और ड्राइवर अधिक मांग की तलाश में ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित हो गए हैं.
कोरोना कहर के बढ़ने से संकट में राइड हेलिंग सेक्टर
आने वाले महीनों में 30 से 40 फीसदी गिरावट की आशंका
हालांकि बीते साल की तुलना में रिकवर कर रहा था उद्योग