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आधुनिक ई वाहन और उससे जुड़े उपकरण इजाद करेगा IIT दिल्ली, जानें क्या होगी खासियत

आईआईटी दिल्ली ने बुधवार को इस सिलसिले में हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन के साथ एक ज्ञापन एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. कंपनी ने आईआईटी को एक ई वाहन के जरिये अपनी तकनीक मुहैया कराई है.

Updated on: 21 Jan 2021, 07:20 AM

नई दिल्ली :

आईआईटी दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के क्षेत्र में नए शोध व अनुसंधान करेगी. आईआईटी दिल्ली के छात्र एवं प्रोफेसर किफायती बैटरी, चार्जर और पूरा इलेक्ट्रॉनिक वाहन बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. आईआईटी का यह शोध व अनुसंधान पूरा होने पर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के क्षेत्र में नई क्रांति आ सकती है. केंद्र सरकार के चार महत्वपूर्ण मंत्रालय और वाहन निर्माता कंपनियां इस मिशन में आईआईटी दिल्ली के साथ आए हैं. आईआईटी दिल्ली ने बुधवार को इस सिलसिले में हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन के साथ एक ज्ञापन एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. कंपनी ने आईआईटी को एक ई वाहन के जरिये अपनी तकनीक मुहैया कराई है.

नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत वाहन निर्माता कंपनी ने आईआईटी दिल्ली को रिसर्च के लिए अपनी एक आधुनिक इलेक्ट्रिक कार दान दी है. आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने कहा, हमारा ऑटोमोटिव सेंटर आईआईटी दिल्ली में इलेक्ट्रिक कारों पर अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को अंजाम देगा. यह समझौता ई-गतिशीलता के व्यापक क्षेत्र में हुंडई के साथ हमारे सहयोग को गहरा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.

प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने कहा, "आईआईटी दिल्ली का मोटर वाहन अनुसंधान और अधिकरण केंद्र, बैटरी का संचालन करेगा. इलेक्ट्रिक कार में बाहरी सेंसर या अन्य गैजेट्स का उपयोग करके ओबीडी पोर्ट का उपयोग किया जाता है." बैटरी चलित इलेक्ट्रिक वाहनों के उच्चतम अनुसंधान के दायरे में हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत, स्वायत्त चार्जिग और वाहन की नई तकनीक शामिल है.

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष बीके पाणिग्रही ने कहा, केंद्र सरकार के कई मंत्रालय बैटरी चालित वाहनों के शोध एवं अनुसंधान से जुड़े हुए हैं. खास तौर पर केंद्र सरकार का ऊर्जा मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अभी बैटरी कार के संबंध में सबसे बड़ी चिंता वाहन को चार्जिग प्रदान करना है. इसके लिए नए विकल्पों के तौर पर बैटरी शॉपिंग स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं.

इसके साथ ही चार्जिग की समस्या के समाधान हेतु नीति आयोग, बिजली कंपनियां जैसे बीएसईएस और टाटा पावर भी आईआईटी के साथ जुड़ गई हैं. वहीं आईआईटी दिल्ली पहुंचे हुंडई मोटर के सीईओ एसएस किम ने कहा, हम आईआईटी दिल्ली द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की रिसर्च एवं अनुसंधान जैसे महत्वपूर्ण कार्य से जुड़ कर बेहद खुश हैं. आईआईटी दिल्ली के साथ किया गया हमारा यह समझौता यहां के छात्रों को ई वाहनों के क्षेत्र में और अधिक जानकारी हासिल करने में मददगार होगा.