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आप कार स्‍वामी हैं तो जान लें FASTag से जुड़े ये नए नियम, नहीं तो पड़ जाएंगे परेशानी में

फास्‍टैग (FASTag) को लेकर सरकार नया नियम लागू करने जा रही है. अगर आप कार के मालिक हैं तो ये नियम जानना आपके लिए बेहद जरूरी है अन्‍यथा आप परेशानी में पड़ सकते हैं.

Updated on: 07 Sep 2020, 05:05 PM

नई दिल्ली:

फास्‍टैग (FASTag) को लेकर सरकार नया नियम लागू करने जा रही है. अगर आप कार के मालिक हैं तो ये नियम जानना आपके लिए बेहद जरूरी है अन्‍यथा आप परेशानी में पड़ सकते हैं. देश में हर गाड़ी के लिए अब फास्‍टैग जरूरी होगा. आपके फास्‍टैग को आपकी गाड़ी के इंश्योरेंस (Insurance) से भी जोड़ने की कवायद चल रही है. नए नियम जनवरी 2021 से लागू हो जाएंगे. अप्रैल 2021 से थर्ड पार्टी बीमा (Third Party Insurance) के लिए भी फास्टैग जरूरी होने जा रहा है. देशभर में अब तक करीब 1.5 करोड़ FASTag बिक चुके हैं. नई गाड़ियों के लिए फास्टैग अनिवार्य है ही, अगर आपने 1 दिसंबर, 2017 से पहले खरीदी है तो अगले साल से आपके लिए FASTag लेना अनिवार्य हो जाएगा.

क्या है FASTag : इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक को फास्टैग कहते हैं. फास्‍टैग को वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. फास्‍टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल किया जाता है. आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो वहां लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है और फास्‍टैग अकाउंट से टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क अपने आप कट जाता है. यानी टोल प्‍लाजा पर आप बिना रुके टोल टैक्‍स का भुगतान करते हैं. आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही फास्‍टैग अपना काम शुरू कर देता है. फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म होने पर उसे फिर से रिचार्ज कराना होगा.

नए वाहन मालिकों को रजिस्ट्रेशन के समय ही फास्‍टैग उपलब्‍ध करा दिए जाएंगे. अगर आप पुरानी कार के मालिक हैं तो आप उन बैंकों से FASTag खरीद सकते हैं जो राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) कार्यक्रम से अधिकृत हैं.

कहां से लें सकते हैं FASTag : किसी भी प्वाइंट ऑफ सेल (POS) लोकेशन पर जाकर बैंक से ऑफलाइन फास्‍टैग लिया जा सकता है. FASTag आवेदन करने की प्रक्रिया विभिन्न बैंकों में थोड़ी अलग होती है. आपके सभी FASTag लेन-देन के लिए आपको SMS और E-Mail अलर्ट मिलते रहेंगे.

FASTag प्रीपेड खाता कैसे खोलें : बैंक की ऑनलाइन FASTag एप्लिकेशन वेबसाइट पर जाएं. निजी विवरण जैसे नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, वाहन पंजीकरण विवरण आदि भरें. केवाईसी दस्तावेज विवरण (ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र या आधार कार्ड) आदि दर्ज करें. सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करें. इनमें KYC दस्तावेज, वाहन मालिक की 1 पासपोर्ट साइज फोटो और RC भी होने चाहिए.