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भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार पर चीन की नजर, Huaihai-KSL Cleantech करेंगे 200 करोड़ का निवेश

चीन की कंपनी Huaihai और भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी KSL के संयुक्त उपक्रम के तहत भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च करने की योजना है. संयुक्त उपक्रम ने 10 से 36 महीनों में 10 इलेक्ट्रिक वाहन को लांच करने का लक्ष्य बनाया है.

Updated on: 02 Aug 2019, 08:41 AM

नई दिल्ली:

भारत मे इलेक्ट्रिक वाहनों पर अब चीन की नज़र है. चीन की कंपनी Huaihai और भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी KSL के संयुक्त उपक्रम के तहत दिल्ली में 7 इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रदर्शित किया है. विशेषज्ञों का दावा है कि अभी के चलन के इलेक्ट्रिक वाहनों से ये कहीं बेहतर होंगे हालांकि इन इलेक्ट्रिक वाहनों को अभी लांच नहीं किया गया है.

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कुछ साल में 200 करोड़ निवेश की योजना
इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज में इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक रिक्शा, इलेक्ट्रिक कमर्शियल पर ज़ोर है. हुआहाय (Huaihai) और KSL अगले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में 200 करोड़ का निवेश करने की योजना बना चुके हैं. 2020 तक ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन का लक्ष्य है. बता दें कि KSL cleantech अपने कोलकाता प्रोडक्शन यूनिट से हर साल करीब 10 हजार इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन की क्षमता रखती है.

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10 से 36 महीनों में 10 इलेक्ट्रिक वाहन को लांच करने का लक्ष्य
संयुक्त उपक्रम ने 10 से 36 महीनों में 10 इलेक्ट्रिक वाहन को लांच करने का लक्ष्य बनाया है. योजना के तहत अलग-अलग इलेक्ट्रिक वाहनों को लांच किया जाता रहेगा. फिलहाल कंपनी ने अभी इन उत्पादों की कीमतों का खुलासा नहीं किया है. 1 अगस्त से इलेक्ट्रिक वाहन पर जीएसटी की दरें भी 12 फीसदी से घटकर 5 फीसदी और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन भी 18 फीसदी से घटकर 5 फीसदी तक हो गए हैं.

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ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इलेक्ट्रिक वाहन चाहे वो स्कूटर हों या फिर कारें इनके दामों में भारी गिरावट होगी जिससे लोगों का रुख इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ेगा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में भी 1.5 से 2.5 लाख की ब्याज छूट का इलेक्ट्रिक वाहन पर ऐलान किया था जिससे इंडस्ट्री की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि ऐसी कंपनियां जो इलेक्ट्रिक वाहन की तरफ नहीं बढ़ पाई है उन्हें परेशानी हो रही है.