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होंडा कार्स ने ग्रेटर नोएडा से समेटा कारोबार, मांग घटने का दिया हवाला

जापान की ऑटो कपनी होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ने ग्रेटर नोएडा में अपने प्रोडक्शन यूनिट को बंद कर दिया है. हालांकि, होंडा कार्स ने इस मामले में अभी तक कोई सार्वजनिक रिपोर्ट जारी नहीं की है.

Updated on: 20 Dec 2020, 02:41 PM

ग्रेटर नोएडा:

कोरोना महामारी से उत्पन्न आर्थिक मंदी का सबसे ज़्यादा असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ा है. इसका असर भी दिखने लगा है, बाज़ार में गाड़ियों की मांग घटने लगी है. जापान की ऑटो कपनी होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ने ग्रेटर नोएडा में अपने प्रोडक्शन यूनिट को बंद कर दिया है. हालांकि, होंडा कार्स ने इस मामले में अभी तक कोई सार्वजनिक रिपोर्ट जारी नहीं की है. बताया जा रहा है कि चुनौतीपूर्ण माहौल और बाजार में कारों की घटते मांग के चलते कंपनी ने यह फैसला लिया है.

ग्रेटर नोएडा स्थित इस होंडा कार्स की प्रोडक्शन यूनिट में होंडा सिटी, Civic और CR-V जैसी भारतीय बाजारों में बिकने वाली कारों का प्रोडक्शन होता था. होंडा कार्स इंडिया से सालाना लगभग 1 लाख कारें बनकर निकलती थीं. लेकिन आर्थिक मंदी के चलते बाजारों में अब इन कारों की मांग घटी है और साथ ही बाजारों में कंपीटीशन भी बढ़ा है जिसके चलते ऑटो कंपनी को यहां का प्रोडक्शन यूनिट बंद करना पड़ा है. 

बता दें कि ग्रेटर नोएडा में इस प्लांट की स्थापना 1997 में की गई थी. ग्रेटर नोएडा में होंडा का यह प्लांट 150 एकड़ की जमीन में फैला है. खबरों की मानें तो खर्चे कम करने के लिए कंपनी ने ये कदम उठाया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लांट में दिसंबर की शुरुआत से ही प्रोडक्शन बंद है. अब होंडा यहां से कारों का प्रोडक्शन बंद कर राजस्थान के अलवर स्थित तपुकारा प्लांट से प्रोडक्शन करेगा. राजस्थान के तापुकरा प्लांट में सालाना 180,000 यूनिट्स होंडा की कारें बनकर बाहर निकलती हैं. वैसे कंपनी का कॉर्पोरेट कार्यालय और आरएंडडी विभाग ग्रेट नोएडा से काम करना जारी रखेगा.