logo-image

Hydrogen Car 'मिराई' से संसद पहुंचे नितिन गडकरी, भविष्य की दिखाई झलक

केंद्रीय ​मंत्री नितिन गडकरी ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार से संसद पहुंचे. इस दौरान नितिन गडकरी ने कहा, 'पेट्रोल-डीज़ल और गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, हम इन्हें आयात करते हैं और पेट्रोल-डीज़ल से प्रदूषण भी बहुत होता है.'

Updated on: 30 Mar 2022, 02:43 PM

highlights

  • हाईड्रोजन कार से संसद भवन पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
  • हाईड्रोजन के क्षेत्र में भारत सरकार कर रही है 3000 करोड़ रुपये का निवेश
  • मिराई कार को बताया भारत देश का भविष्य

नई दिल्ली:

केंद्रीय ​मंत्री नितिन गडकरी ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार से संसद पहुंचे. इस दौरान नितिन गडकरी ने कहा, "पेट्रोल-डीज़ल और गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, हम इन्हें आयात करते हैं और पेट्रोल-डीज़ल से प्रदूषण भी बहुत होता है." केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कार का नाम भी बताया. उन्होंने कहा कि इस कार का नाम 'मिराई' है. इसका शाब्दिक अर्थ है भविष्य. नितिन गडकरी ने कहा कि भारत सरकार हाईड्रोजन के निर्माण को लेकर बेहद आशान्वित है और इस दिशा में बेहद गंभीर प्रयास कर रही है.

आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में मदद करेगी कार

केंद्रीय ​मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister) के आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के सपने को पूरा करने के लिए हमें तेल में भी आत्मनिर्भर होना होगा. ये गाड़ी जल्दी ही भारत में आएगी, देश में एक बड़ी क्रांति होगी और हमारा आत्मनिर्भर भारत का सपना निश्चित रूप से साकार होगा. नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि पानी से बनाए गए ग्रीन हाइड्रोजन से ये कार चलेगी. ये कार पायलट प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई है. उन्होंने कहा कि अब देश में ही ग्रीन हाईड्रोजन का निर्माण होगा. इससे हाईड्रोजन का आयात खत्म होगा और हम इसे निर्यात कर सकेंगे. इससे देश में ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.

भारत सरकार खर्च करेगी 3000 करोड़ रुपये

नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि भारत सरकार (Government of India) इस तरह की कारों को लेकर बेहद गंभीर है.. इसके लिए सरकार ने 3000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है. ताकि हम हाईड्रोजन (Hydrogen) का निर्यात करने वाले देशों में शामिल हो सकें. उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर अभी कोयले का इस्तेमाल हो रहा है, सरकार उन जगहों पर हाईड्रोजन पॉवर इस्तेमाल करने की दिशा में काम कर रही है.