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कैब, ई कॉमर्स और फूड डिलिवरी के लिए होगा अब केवल ईवी का ही इस्तेमाल!

DELHI MOTOR VEHICLE AGGREGATOR SCHEME: दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम के तहत 1 अप्रैल 2030 तक इन तीन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को  ईवी का इस्तेमाल करना  अनिवार्य होगा.

Updated on: 06 Jul 2022, 02:42 PM

highlights

  • स्कीम के तहत 1 अप्रैल 2030 तक ईवी का होना चाहिए इस्तेमाल
  • नियमों का पालन ना करने पर सरकार वसूलेगी जुर्माने की राशि 

नई दिल्ली:

DELHI MOTOR VEHICLE AGGREGATOR SCHEME: दिल्ली सरकार ने अब फूड डिलिवरी, कैब और ई कॉमर्स वेबसाइट के लिए केवल ईवी का ही इस्तेमाल करने का नया नियम पेश किया है. दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम के तहत 1 अप्रैल 2030 तक इन तीन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को  ईवी का इस्तेमाल करना  अनिवार्य होगा. ऐसा तय तारीख तक भी नहीं किया जाने पर सरकार प्रति वाहन 50 हजार रुपये का जुर्माना वसूलेगी.  कैब ड्राइवर और कैब के फेयर के लिए कुछ नए नियम लाए गए हैं. ताजा जानकारी दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए ‘वाहन एग्रीगेटर’मसौदा नीति से मिली है.  

सार्वजनिक राय पर तय होगी आगे की रणनीति
दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर 'दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम' टाइटल से मसौदा नीति के लिए इस पर सार्वजनिक राय मांगी गई है. सार्वजनिक राय के लिए तीन हफ्तों का समय तय किया गया है. इन सेवाओं से संबंधित संस्थाओं से राय मांगी गई है. सार्वजनिक राय के बाद ही नियम के लिए आगे की रणनीति तय की जाएगी.

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खराब प्रदर्शन वाले कैब ड्राइवर्स के लिए दिशा- निर्देश 
वेबसाइट पर अपलोड किए गए ‘वाहन एग्रीगेटर’मसौदा नीति में कहा गया है कि खराब प्रदर्शन वाले ड्राइवर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही अगर किसी ड्राइवर के गलत बर्ताव के कुल 15 फीसदी मामले आते हैं तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही गई है. मसौदा नीति में स्थिति साफ की गई है कि कैब कंपनियों को अगले 6 महीनों में तिपहिया वाहनों में कुल 10 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल शामिल करने जरूरी होंगे. वहीं अगले चार सालों में 100 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक होना भी अनिवार्य कहा गया है.