आज है कजरी तीज : इस बार बन रहा है विशेष योग
भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाने वाली कजरी तीज का है बहुत महत्व
highlights
- कजरी तीज का है बहुत महत्व
- व्रत में भगवान शंकर और देवी पार्वती की पूजा की जाती है
- पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है व्रत
नई दिल्ली:
भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाने वाली कजरी तीज का बहुत महत्व है. हरियाली तीज की तरह यह व्रत भी पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. इसके अलावा यह व्रत संतान सुख देने वाला और परिवार को सुख-समृद्धि देने वाला भी होता है. इस व्रत में भगवान शंकर और देवी पार्वती की पूजा की जाती है. कजरी तीज सुहागन महिलाओं के लिए बेहद ही जरूरी व्रत है. इस दिन वह उपवास रखकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. हिंदी पंचाग के अनुसार, यह त्योहार हर साल भाद्रमास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को आता है. इस बार यह कजरी तीज 25 अगस्त यानी बुधवार को है. कजरी तीज व्रत का पारण चंद्रमा के दर्शन करने और उन्हें अर्घ्य देने के बाद किया जाता है. इस दिन सुहागिनें निर्जलाव्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती है. ऐसी मान्यता है कि इससे माता पार्वती और भगवान महादेव प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्राप्त होने एवं सभी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
बन रहा है धृति योग
इस बार एक विशेष योग बन रहा है. दरअसल साल 2021 में कजरी तीज के दिन प्रातः काल 05 बजकर 57 मिनट तक धृति योग रहेगा. इस योग में किया गया सभी शुभ कार्य सफल एवं शुभ फलदायी होते हैं ऐसी मान्यता है.
शुभ मुहूर्त :
अगर व्रत के शुभ मुहूर्त की बात करें तो कजरी तीज का व्रत भाद्र पद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. हिंदी पंचांग के अनुसार भादों के कृष्ण की तृतीया तिथि 24 अगस्त की शाम 4:05 से शुरू हो कर 25 अगस्त को शाम 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. ऐसे में कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को रखा जाएगा.
चंद्रमा के दर्शन - वहीं, कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को रखा जायेगा तथा उसी दिन रात में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद उन्हें अर्घ्य दें उसके बाद ही व्रत खोलने की मान्यता है.
कजरी व्रत पर किसी भी सूरत में महिलाएं न करें यह काम
कजरी तीज व्रत में सुहागिन महिलायें सफेद रंग के कपड़े भूलकर भी नहीं पहनें. बहुत अशुभ होता है.
इस दिन महिलाएं बिना श्रृंगार के आधे अधूरे श्रृंगार के न रहें
कजरी तीज व्रत निर्जला रखा जाता है. इस लिए इन्हें अन्न और जल ग्रहण नहीं करना चाहिए.
कजरी तीज व्रत में महिलाएं अपने पति को कठोर शब्द या अपशब्द न कहें और न ही झगड़ा करें.
इस दिन पति से अच्छा बर्ताव करें और दूरी बनाकर ना रहें.
कजरी तीज व्रत को सुहागिन महिलायें अपने हाथ खाली न रखें. अर्थात चुड़ियां पहनें और मेहंदी लगाएं
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