इंसान का जीवन बदलने वाले दो सबसे खतरनाक और असरदार रत्न के बारे में जानें
सौर मंडल के नौ ग्रहों की तरह हमारे शरीर में भी नौ ग्रह विद्यमान हैं. माना जाता है कि आकाश के नौ ग्रहों से हमारे शरीर में विद्यमान नौ ग्रहों का जुड़ाव है.
नई दिल्ली:
सौर मंडल के नौ ग्रहों की तरह हमारे शरीर में भी नौ ग्रह विद्यमान हैं. माना जाता है कि आकाश के नौ ग्रहों से हमारे शरीर में विद्यमान नौ ग्रहों का जुड़ाव है. आकाश के ग्रहों का हमारे शरीर के ग्रहों से सम्बन्ध टूट जाता है, तब हमें समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन्हीं समस्याओं से बचने के लिए ग्रहों के हिसाब से रत्न धारण किया जाता है, ताकि हमारे शरीर के ग्रहों का आकाश के ग्रहों से जुड़ाव बना रहे. हालांकि हर आदमी हर रत्न धारण नहीं कर सकता, इसलिए रत्नों को सोच-समझकर और जानकार की सलाह से ही धारण करना चाहिए. आज हम आपको दो सबसे शक्तिशाली और खतरनाक रत्न (Most powerful and dangerous Gemstone) हीरा और नीलम के बारे में बताएंगे.
हीरा : नवरत्नों में हीरा को सबसे कठोर और मूल्यवान माना जाता है. ज्योतिष में हीरा शुक्र का रत्न माना जाता है. इसको धारण करने से सुख, सौन्दर्य और सम्पन्नता प्राप्त होती है. हीरा धारण करने से वैवाहिक जीवन और रक्त पर सीधा असर पड़ता है. शुक्र ग्रह का लाभ उठाने के लिए हीरा को अचूक माना जाता है.
सावधानियां : केवल फैशन और दिखावे के लिए हीरा धारण न करें. मधुमेह या रक्त की समस्या से परेशान हैं तो भी हीरा धारण न करें. 21 वर्ष के बाद और 50 वर्ष उम्र से पहले ही हीरा धारण करना अच्छा माना जाता है. हीरा जितना अधिक सफ़ेद होगा, उतना ही अच्छा होगा. दाग वाला हीरा या टूटा हुआ हीरा धारण न करें. इससे अपयश या दुर्घटना हो सकती है.
नीलम : शनि का मुख्य रत्न नीलम वायु तत्व को नियंत्रित करने में मदद करता है. नीला रंग होने के कारण इसे नीलम कहा जाता है. इसका नाम शनिप्रिय और सैफायर भी है. कुरुन्दम समूह का यह रत्न माणिक्य के साथ पाया जाता है. शनि को संतुलित करने के लिए नीलम रत्न को धारण किया जाता है.
सावधानियां : नीलम रत्न को धारण करने में बड़ी सावधानियां रखने की जरूरत होती है. बिना सही से जांच और उचित सलाह के नीलम रत्न को धारण करना खतरनाक माना जाता है. नीलम रत्न को लेकर गलत सलाह पर अमल करने से जीवन तबाह भी हो सकता है.
नीलम धारण करने के नियम : नीलम धारण करने से पहले नीलम की और स्वयं की जांच कर लें. नीलम को लोहे या चांदी में धारण करें. सोने में नीलम धारण करना सही नहीं होगा. शनिवार मध्य रात्रि में नीलम को धारण करना उचित समय माना जाता है. नीलम को बायें हाथ की उंगली में पहनें और साथ में जल तत्व का रत्न भी धारण करें. चौकोर नीलम बेहतर और शुभ होता है. नीलम धारण करने से पहले भगवान शिव और शनि देव को जरूर समर्पित करें.
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