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करते हैं संतोषी माता का व्रत तो भूल से भी न करें ये गलतियां

अब से हर शुक्रवार मां संतोषी के व्रत से पहले जान लें कुछ महत्वपूर्ण बातें ताकि अगली बार पूरे विधि वधान के सतह आप इनका व्रत कर पाएं. जाने अनजाने में कभी ऐसी गलती हो जाती है.

Updated on: 17 Dec 2021, 03:43 PM

New Delhi:

हिन्दू धर्म में किसी न किसी दिन का महत्व जरूर होता है. वैसे ही पूजा पाठ और हर व्रत का अपना ही महत्त्व और मतलब है. जहाँ लोग सोमवार को भगवान शिव का व्रत रखते हैं, वहीँ शुक्रवार को लोग मां संतोषी का व्रत करते हैं. देखा जाए तो हिंदुस्तान में इस व्रत का बहुत महत्व है. शुक्रवार को माँ संतोषी, मां दुर्गा, मां लक्ष्मी का व्रत भी अपने अपने तरीके से करते हैं. मान्यता है कि इन सब व्रतों से लाभ जल्दी होता है और मां संतोषी जल्द प्रस्सन होती हैं. व्रत से अगर आपको लाभ, घर मरीन सुख समृद्धि जल्दी चाहिए तो कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है. अब से हर शुक्रवार मां संतोषी के व्रत से पहले जान लें कुछ महत्वपूर्ण बातें ताकि अगली बार पूरे विधि-विधान के साथ आप इनका व्रत कर पाएं. जाने अनजाने में कभी ऐसी गलती हो जाती है जो नहीं होनी चाहिए. चलिए बताते हैं कि कौन सी गलती आपको नहीं करनी चाहिए. 

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खट्टी चीज़ों से करें परहेज
मान्यता के अनुसार माता संतोषी को खट्टी चीजें पसंद नहीं हैं. इसलिए व्रत करने वाले को खट्टी चीज़े खाने और शुक्रवार को खट्टी चीज़े घर लाने से भी परहेज करना चाहिए. कोशिश करें कि व्रत वाले दिन फलहारी भी खट्टा न खाएं. 

गुड़ व चने का भोग लगाएं
माता संतोषी को गुड़ व चने का भोग बहुत पसंद है. इसलिए व्रत करने वाले को गुड़ व चने का भोग माता को अर्पित करना चाहिए और प्रसाद के रूप में इसे खुद भी खाना चाहिए और दूसरों को भी प्रसाद बांटना चाहिए. 

परिजन भी करें खट्टी चीज़ों से परहेज
व्रत के दिन व्रत रखने वाले के साथ-साथ घर के दुसरे लोगों को खट्टी चीज़ों से परहेज करना होगा. 

मदिरा और मांस का सेवन न करें
शुक्रवार, यानि व्रत के दिन घर के सदस्यों को मदिरापान और मांसाहार के सेवन से बचना चाहिए. ऐसा न करने से आपको देवी संतोषी की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है.

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संतोषी माता के व्रत का महत्व
1. मान्यता के अनुसार संतोषी माता का व्रत करने से निसंतान व्यक्ति को पुत्र/पुत्री की प्राप्ति होती है साथ ही मां संतोषी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 
2. मन में संकल्प लेकर इस व्रत को किया जाये तो कुंवारी कन्याओं को मन चाहा वर प्राप्त होता है. 
3. यदि आपके जीवन में बहुत सी परेशानियां हैं तो इस व्रत को करने से आपकी साड़ी परेशानियां दूर हो जाएंगी. 

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