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पाला उपचुनाव में सत्तारूढ़ LDF की जीत, UDF के जोस टॉम पुलिक्कुनेल को दी शिकस्त

एलडीएफ उम्मीदवार मणि सी कप्पेन ने यूडीएफ के जोस टॉम पुलिक्कुनेल को नजदीकी मुकाबले में हरा दिया.

Updated on: 27 Sep 2019, 05:28 PM

नई दिल्ली:

केरल में पाला विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ विजयी रहा है. इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ का कब्जा था. एलडीएफ उम्मीदवार मणि सी कप्पेन ने यूडीएफ के जोस टॉम पुलिक्कुनेल को नजदीकी मुकाबले में हरा दिया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता कप्पेन ने केरल कांग्रेस (एम) के नेता पुलिक्कुनेल को 2,943 मतों से हरा दिया.पाला सीट पारंपरिक रूप से कांग्रेस नीत यूडीएफ का गढ़ रही है. पूर्व वित्त मंत्री एवं केरल कांग्रेस (एम) के नेता केएम मणि के अप्रैल में निधन के चलते यहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी. मणि ने पांच दशक तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया.

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद यह जीत एलडीएफ के लिए एक बड़ी राहत है.इस उपचुनाव को यूडीएफ और भाजपा नीत राजग के लिए परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था. इस सीट पर जीत से 21 अक्टूबर को पांच और विधानसभा क्षेत्रों के होने वाले उपचुनावों में उस गठबंधन की संभावना बेहतर हो जाती. कप्पेन की जीत मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन नीत एलडीएफ सरकार का मनोबल बढ़ाने वाला है वहीं इस करीबी परिणाम से यूडीएफ के खेमे में उदासी का माहौल होगा.

चुनाव प्रचार के दौरान विजयन ने कहा था कि इसका परिणाम उनकी सरकार के प्रदर्शन के बारे में लोगों का आकलन होगा. उनकी सरकार 2016 में सत्ता में आई थी. उन्होंने एक बयान में कहा कि उपचुनाव की जीत से एलडीएफ सरकार को अपने विकास कार्यों के साथ ही कल्याणकारी गतिविधियों को आगे बढ़ाने भी मदद मिलेगी. उन्होंने एलडीएएफ की शानदार जीत में योगदान देने के लिए पाला के लोगों को धन्यवाद दिया.

यूडीएफ के लिए उसके पारंपरिक गढ़ का यह परिणाम एक बड़ा झटका है क्योंकि हाल मे संपन्न लोकसभा चुनावों में कांग्रेस नीत गठबंधन ने राज्य की 20 में से 19 संसदीय सीटों पर जीत हासिल की थी. पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक अप्रत्याशित हार है. हम इसके कारणों का अध्ययन करेंगे और गलतियों को सुधारने के बाद आगे बढ़ेंगे.’’ इस उपचुनाव में भाजपा को भी भारी झटका लगा क्योंकि उसके उम्मीदवार एन हरि को केवल 18,044 वोट मिले. उन्हें 2016 के विधानसभा चुनाव में 24,000 से अधिक मत मिले थे.