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महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने में क्यों हो रही है देरी, इस BJP नेता ने बताई वजह

BJP का मानना है कि विधायक दल की बैठक होने तक शिवसेना से सरकार में पदों के बंटवारे को लेकर बातचीत सुलझ जाएगी.

Updated on: 29 Oct 2019, 05:49 PM

highlights

  • महाराष्ट्र: सरकार बनाने को लेकर एनडीए में जारी है गतिरोध
  • शिवसेना ने कहा 50-50 फॉर्म्यूले पर होगा सीएम का ऐलान
  • 31 तारीख तक शिवसेना नहीं मानी तो BJP अपनाएगी प्लान B

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नतीजे (Maharashtra Assembly Election Result 2019) आने के छठे दिन भी सरकार गठन न होने के पीछे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन (BJP National Spokes Person)  ने दीवाली और भाईदूज त्योहारों (Diwali and Bhaidooj Festival) को कारण बताया है. उन्होंने राज्य में BJP नेतृत्व की सरकार बनने में देरी के सवाल पर मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "नतीजे के बाद दीवाली और भाईदूज के पवित्र त्योहार आ गए. विधायक छुट्टी पर चले गए हैं, उनके लौटते ही विधायक दल की बैठक होगी और भाजपा नेतृत्व की सरकार बनेगी. राज्य की जनता ने BJP नेतृत्व सरकार के पक्ष में स्पष्ट बहुमत दिया है." बता दें कि सरकार गठन के लिए भाजपा ने 30 अक्टूबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें मुख्यमंत्री पद के लिए एक बार फिर से देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) के नाम पर मुहर लगेगी. BJP का मानना है कि विधायक दल की बैठक होने तक शिवसेना से सरकार में पदों के बंटवारे को लेकर बातचीत सुलझ जाएगी.

दरअसल इस बार विधानसभा चुनाव में पिछली बार की तुलना में भाजपा की 17 सीटें कम हो गईं, शिवसेना को भी सात सीटों का नुकसान सहना पड़ा. इसके बाद से शिवसेना भाजपा पर पदों के बंटवारे को लेकर आक्रामक है. चुनाव नतीजे आने के दिन 24 अक्टूबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 50-50 फॉर्मूले की बात उठाकर ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का भी दावा ठोक दिया था. जबकि भाजपा शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से इंकार कर रही है. भाजपा शिवसेना प्रमुख के बेटे आदित्य ठाकरे को ज्यादा से ज्यादा डिप्टी सीएम (उप मुख्यमंत्री) का पद देने को तैयार है. तब से भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर पेंच फंसा है. जबकि हरियाणा में बीते रविवार को ही भाजपा-जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन की सरकार बन चुकी है. हरियाणा में भी 24 अक्टूबर को ही नतीजे आए थे. इसी से पता चलता है कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच अभी पॉवर शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाई है.

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बीजेपी का दावा शिवसेना के 45 विधायक संपर्क में
महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवेसना (Shiv Sena) के नखरे के बाद बीजेपी ने अपना प्‍लान बी तैयार कर लिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी (BJP) के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े का दावा है कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायक अलग पार्टी बनाकर बीजेपी (BJP) को सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं. काकड़े का दावा है कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायक बीजेपी (BJP) के संपर्क में हैं. वे लोग बीजेपी का समर्थन करने को तैयार हैं. राजनीतिक विश्‍लेषकों का मानना है कि या तो बीजेपी इस पर वाकई काम कर रही है या फिर शिवसेना को प्रेशर में लाने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्‍स खेल रही है. महाराष्‍ट्र में ताजा राजनीतिक हालात में बीजेपी ने शिवसेना के आगे न झुकने का फैसला किया है. दूसरी ओर, शिवसेना को 31 अक्टूबर तक फैसला करने का अल्‍टीमेटम दे दिया है. माना जा रहा है कि 31 अक्‍टूबर तक शिवसेना नहीं मानती है तो बीजेपी (BJP) प्लान बी पर काम शुरू कर देगी.

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फडणवीस की शिवसेना को दो टूक
महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) से चल रही खींचतान के बीच मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ने कड़ा पलटवार किया है. फडनवीस ने कहा है कि शिवसेना से 50-50 फॉर्मूले पर कोई बातचीत नहीं हुई थी. उन्‍होंने कहा, शिवसेना गलतफहमी में न रहे. 5 साल मैं ही मुख्‍यमंत्री रहूंगा. ढाई-ढाई साल के सीएम को लेकर कभी कोई बातचीत हुई ही नहीं थी. 24 अक्टूबर को महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election Results) के नतीजे आने के बाद सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध कायम है.

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